वास्तु के अनुसार बेडरूम किस दिशा में होना चाहिए
किस दिशा में होना चाहिए शयनकक्ष
Bedroom kis disha mein hona chahiye: वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम यदि उचित दिशा में नहीं है कई तरह की समस्याओं को सामना करना पड़ता है। आपका घर का मुख्य द्वार किसी भी दिशा में हो लेकिन यदि शयनकक्ष सही दिशा में बनाया जा सकता है। वास्तु के अनुसार शयन कक्ष अर्थात बेडरूम या जहां हम सोते हैं वह कमरा कैसा और किस दिशा में होना चाहिए यह जानना जरूरी है क्योंकि कम इस रूम में कम से कम 7 घंटे व्यतीत करते हैं और इसी से हमारे नींद और सेहत प्रभावित होती है।
शयनकक्ष की दिशा- bedroom direction:-
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मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए।
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अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
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शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए।
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पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करने नहीं सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है।
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पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है।
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यदि शयन कक्ष अग्निकोण में हो तो पूर्व-मध्य दीवार पर शांत समुद्र का चित्र लगाना चाहिए।
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शयन कक्ष के अंदर भूलकर भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं, क्योंकि पानी का चित्र पति-पत्नी और 'वो' की ओर इशारा करता है।
कैसा हो शयन कक्ष- how about the bedroom:
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शयनकक्ष चौकोर होना चाहिए। बेडरूम की छत गोल नहीं होना चाहिए।
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बेडरूम में अटैच टॉयलेट नहीं होना चाहिए। अगर इस्तेमाल में न हो तो अटैच टॉयलेट का दरवाजा बंद रखें।
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बेडरूम को ऑफ-व्हाइट, बेबी पिंक या क्रीम कलर से पेंट करें। गहरे रंगों से बचें।
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शयनकक्ष साफ सुधरा होना चाहिए। पर्दे, चादर, तकिया, रजाई गादी आदि सभी के रंग भी वास्तु के अनुसार ही रखें।
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पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करने नहीं सोना चाहिए।
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उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है।
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पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है।
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शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए।