Chhaya Vedha: घर या मकान के मेन गेट या मुख्य दरवाजे के सामने कुछ चीजों का होना घातक साबित होता है। इसे गंभीर वास्तु दोष माना जाता है। जैसे वृक्ष है तो वृक्षभेद और छायावेध होता है। खंबा है तो स्तंभवेध दोष निर्मित होता है। इसके अलावा मुख्य द्वार या घर के सामने कोई सीधा मार्ग नहीं होना चाहिए। इससे गृह स्वामी का नाश हो जाता है। द्वार के उपर द्वार होना भी नुकसान दायक है। इससे धन का नाश होता है।
घर के उपर पड़ रही छाया से छायावेध होता है। यह देखना होता है कि घर के उपर किसकी छाया पड़ रही है और किस दिशा से और किस प्रहर में छाया होती है। उसी से लाभ या नुकसान का पता चलता है। कौन सा वृक्ष घर की किस दिशा में होना चाहिए यह उल्लेख मिलता है।
1. प्रातः 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक यदि किसी वृक्ष की छाया मकान पर पड़ती है तो ही यह नुकसान दायक होती है। इसमें भी दिशा का ज्ञान होना जरूरी है।
इस वेध से उन्नति रुक जाती है।
2. घर की आग्नेय दिशा में वट, पीपल, सेमल, पाकर तथा गूलर का वृक्ष होने से पीड़ा और मृत्यु होती है।
3. नकारात्मक वृक्षों की छाया से रोग और शोक निर्मित होते हैं।
4. घर के मेन गेट के एकदम सामने वृक्ष नहीं होना चाहिए। इसे वृक्षवेध माना जाता है और इससे सभी तरह की उन्नति रुक जाती है।
5. मुख्य द्वार या घर के एकदम सामने कोई वृक्ष नहीं होना चाहिए यह सभी कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है। घर के एकदम सामने वृक्ष होने से बाल दोष भी होता है।