Flute Vastu Tips: वास्तु के अनुसार श्रीकृष्ण की बांसुरी को घर में उचित स्थान पर रखते हैं। घर में जहां देवता बैठे हो वहां एक सुंदर सी बांसुरी लाकर रखना चाहिए। बांसुरी या बंसी कैसी होना चाहिए? वास्तु के अनुसार अलग-अलग रंग और प्रकार की बांसुरी अलग-अलग फल देने वाली मानी जाती है। आओ जानते हैं इस संबंध में वस्तु टिप्स।
बांसुरी के प्रकार :
1. बांस : अधिकतर बांसुरी बांस से बनी होती है क्योंकि बांस के पौधे को दिव्य माना जाता है।
2. लकड़ी : लकड़ी की बांसुरी होती है तो श्रीकृष्ण की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहेगी। नया व्यापार शुरू करना है तो अलमारी में लकड़ी की बांसुरी रखनी चाहिए।
3. चंदन : जीवन में सुख, शांति और खुशियों के लिए चंदन की लकड़ी की बांसुरी रखें।
4. पीतल : शिक्षा, व्यवसाय या नौकरी में बांधाएं उत्पन्न हो रही है, तो घर के पूर्व या उत्तर दिशा में सोने या पीतल की बांसुरी रखें।
5. चांदी : दुकान या व्यापारिक संस्थान में चांदी की बांसुरी रखने से व्यापार में वृद्धि और धन लाभ होता है। पूजा खर में रखने से आर्थिक समस्या से छुटकारा मिलता है।
6. सोना : गंभीर या लंबी बीमारियों से बचने के लिए कितन में स्वर्ण यानी गोल्ड की बांसुरी रखना चाहिए।
बांसुरी का रंग :
1. मनपसंद नौकरी पाने के लिए रूम के मुख्य द्वार के पास पीली बांसुरी रखें।
2. अटके कार्य पूर्ण करने के लिए घर के मंदिर में मोर पंख लगी बांसुरी रखें।
3. मनचाहे साथी से विवाह के लिए तकिये के नीचे लाल बांसुरी रखें।
4. संतान प्राप्ति हेतु बेडरूम में हरी बांसुरी रखें, जो किसी को दिखाई न दें।
5. करियर में सफलता के लिए स्टडी रूप में सफेद बांसुरी रखें।
6. गृहकलह खत्म करने के लिए एक ही रंग की दो बांसुरियां मुख्य हॉल में रखें।
7. नेगेटिविटी से बचने के लिए काले रंग से सजी बांसुरी घर या दुकान की छत पर टांग दें।