belpatra plant : धार्मिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती के पसीने से बेल पेड़ का उद्गम हुआ है, इसलिए इस पेड़ में माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं। और बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण ही इसे भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है।
इस संबंध में मान्यता हैं कि जो व्यक्ति तीर्थस्थान पर नहीं जा सकता है यदि वह श्रावण मास में बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संरक्षण करें तो उसे भोलेनाथ से साक्षात्कार करने का लाभ मिलता है।
इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति बिल्व पेड़ के मूल भाग की पूजा करके उसमें जल अर्पित करें तो उसे सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है और उसे भगवान शिव की अपार कृपा मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 3 के अलावा 5 पत्तियों वाला बेलपत्र लगाना सबसे अच्छा माना जाता है।
आइए जानते हैं सावन में कैसे लगाएं 3 अथवा 5 पत्तियों वाला बेलपत्र का पौधा : belpatra plant in sawan
1. यदि आप 3 या उससे अधिक पत्तियों वाला बेलपत्र का पौधा घर के गमले में उगाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ग्रो बैग या बड़े गमले का चयन करना होगा।
2. बेलपत्र का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले मिट्टी तैयार कर लें, जिसके लिए वर्मी कंपोस्ट खाद, रेत, कोकोपीट और गोबर की खाद को एकत्रित करके मिला लें और मिट्टी तैयार कर लें।
3. आप किसी भी नर्सरी से बेलपत्र की कटिंग यानी उसका पौधा खरीदकर लाएं और इसे तैयार गमले में लगा दें।
4. गमले में कटिंग लगाने के पश्चात उसे कुछ दिनों में लिए छायादार जगह पर रखें।
5. जब इसके पत्ते बड़े होने लगे और पौधा बढ़ जाए तो ऊपर की ओर बढ़ने वाली पत्तियों को पिंच करके हटा दें। इससे आपके पौधे की ग्रोथ अच्छी होगी। साथ ही पौधे में अधिक पत्तियां उगने लगेंगी।
Rk.
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