रसोईघर अर्थात किचन को वास्तु अनुसार बनाना जरूरी है अन्यथा यह रोग, शोक और धन की बर्बादी का कारण बन सकता है। आओ जानते हैं कि ज्योतिष, वास्तु और हिन्दू शास्त्र रसोईघर की किस दिशा में क्या रखना चाहिए।
रसोईघर की दिशा- वास्तु विज्ञान के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना शुभ फलदायी होता है। जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए। यदि आपका रसोईघर अग्निकोण में न होते हुए किसी ओर दिशा में बना है तो वहां पर यज्ञ करते हुए ऋषियों की चित्राकृति लगाएं।
किस दिशा में क्या रखें-
1. चूल्हा आग्नेय में, प्लेटफॉर्म पूर्व व दक्षिण को घेरता हुआ होना चाहिए। वॉश बेसिन उत्तर में हो। भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर हो, उत्तर व दक्षिण में कतई नहीं।
2. रसोईघर में पीने का पानी उत्तर-पूर्व अर्थात ईशान दिशा में रखना चाहिए।
3. रसोईघर में पानी और आग को कभी भी पास-पास नहीं रखना चाहिए।
4. रसोईघर में गैस दक्षिण-पूर्व दिशा में रखनी चाहिए।
5. रसोईघर में भोजन करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
6. डाइनिंग टेबल दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए। मकान में अलग डायनिंग हॉल की व्यवस्था की है तो वास्तु अनुसार किसी मकान में डायनिंग हॉल पश्चिम या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
7. भवन के ईशान व आग्नेय कोण के मध्य पूर्व में स्टोर का निर्माण किया जाना चाहिए।
8. माइक्रोवेव, मिक्सर या अन्य धातु उपकरण दक्षिण-पूर्व में रखें। रेफ्रिजरेटर या फ्रीज उत्तर-पश्चिम में रख सकते हैं।
9. रसोईघर में यदि झाडू, पौंछा या सफाई का कोई सामान रखना है तो नैऋत्य कोण में रख सकते हैं। डस्टबिन को रसोईघर से बाहर ही रखें।
10. रसोईघर के पास बाथरूम या शौचालन नहीं होना चाहिए।
11. रसोईघर में पूजा का स्थान बनाना शुभ नहीं होता।
12. रसोईघर खुला-खुला और चौकोर होना चाहिए। इसके फर्श और दीवारों का रंग पीला, नारंगी या गेरूआं रखें। नीले या आसमानी रंग के प्रयोग से बचना चाहिए। रसोई में हरा, मेहरून या फिर सफेद रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।