घर में बच्चों के लिए अलग से एक अध्ययन कक्ष होना चाहिए। यदि अध्ययन कक्ष नहीं रख पा रहे हैं तो घर के किसी उचित स्थान पर स्टडी टेबल रखी होना चाहिए। आओ जानते हैं कि बच्चों का कमरा कैसा होना चाहिए जिससे कि उनका करियर चमकदार बन सके।
1. दिशा : पूर्व, ईशा, उत्तर, वायव्य, पश्चिम और नैऋत्य में अध्ययन कक्ष बनाया जा सकता है। इसमें खासकर पूर्व, उत्तर और वायव्य उत्तम है। अध्ययन कक्ष नहीं है तो इन दिशा में स्टडी टेबल रखी जा सकती है।
2. तस्वीर : बच्चों के कमरे में मां सरस्वती का चित्र लगाएं या फिर हंस, वीणा या महापुरुषों की तस्वीर लगाई जा सकती है। तोते या चहकते हुए पक्षियों का चित्र जरूर लगाएं जिससे बच्चे का पढ़ने में तुरंत ही मन लगने लगेगा। इसके अलावा चाहे तो मोर, वीणा, कलम, पुस्तक, हंस, जंपिंग फिश, डॉल्फिन या मछली के चित्र भी लगा सकते हैं। उत्तर-पूर्व में मां सरस्वती, गणेश की प्रतिमा और हरे रंग की चित्राकृतियां लगाएं। अगर मन उचटता हो, तो बगुले का चित्र लगाना चाहिए, जो ध्यान की चेष्टा में हो। लक्ष्य प्राप्ति हेतु एकलव्य, अर्जुन की चित्राकृतियां लगानी चाहिए।
3. रंग : ध्ययन कक्ष की दीवारों का रंग सफेद, पिंकिश या क्रिम ही रखें। गहरे रंगों से बचें।
4. पीठ के पीछे ये न हो : अपनी पीठ के पीछे द्वार अथवा खिड़की न हो। अध्ययन कक्ष का ईशान कोण खाली हो।
5. उत्तर की ओर रखें मुंह : अध्ययन करते समय दक्षिण तथा पश्चिम की दीवार से सटाकर पूर्व तथा उत्तर की ओर मुख करके बैठें। घर के उत्तर की ओर ही बच्चे का मुंह होना चाहिए।
6. टेबल : चौकोर टेबल का प्रयोग करें जो चारों पांवों में समानता रखती हो। टेबल को दक्षिण-पश्चिम या दरवाजे के सामने न लगाएं। इससे बुद्धि का पतन होता है। टेबल को दरवाजे या दीवार से न सटाएं। जिससे विषय याद रहेगा, रूचि बढ़ेगी। लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट न करें। इससे अध्ययन प्रभावित होगा। टेबल पर सफेद रंग की चादर बिछाएं।
7. मध्य भाग को साफ और खाली : अध्ययन कक्ष में शांति और सकारात्मक वातावरण होना चाहिए। शोरगुल आदि न हो। अध्ययन कक्ष के मध्य भाग को साफ व खाली रखें। जिससे ऊर्जा का संचार होता रहेगा।