Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इन 10 जगहों पर नहीं रहना चाहिए....

हमें फॉलो करें इन 10 जगहों पर नहीं रहना चाहिए....
पुराणकारों और वास्तुशास्त्रियों अनुसार रहने का स्थान उपयुक्त होना चाहिए। क्योंकि आप जहां रहते हैं, उस स्थान से ही आपका भविष्य तय होता है। यदि आप गलत जगह रह रहे हैं तो अच्छे भविष्य की आशा मत कीजिए।
अत: हर व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि उसे कहां रहना चाहिए और कहां नहीं रहना चाहिए। यदि आप नया मकान बनाने जा रहे हैं या खरीद रहे हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें। रहने के स्थान से किसी भी प्रकार का समझौता मत ‍कीजिए। हां, यह सही है कि हर जगह सभी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी प्रयास करने में क्या जाता है कम से कम उपयुक्त जगह तो हो।...तो आओ जानने हैं कि कहां रहना चाहिए और कहां नहीं।
 
अगले पन्ने पर पहली जगह...

सुनसान जगह पर नहीं हो घर : कई लोग एकांत में रहना पसंद करते हैं। इसके चलते वे सुनसान में रहने चले जाते हैं। भविष्य पुराण अनुसार आपका घर नगर या शहर के बाहर नहीं होना चाहिए। गांव या शहर में रहना ही तुलनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित होता है।
webdunia
यदि घर बहुत सुनसान स्थान पर या शहर-गांव के बाहर होगा तो जब भी आप घर से बाहर कहीं जाएंगे उस दौरान आपके मन और मस्तिष्‍क में घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। यह तो आप भी जानते होंगे कि सभी सुनसान स्थान पर अपराधी आसानी से अनिष्ट संबंधी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। दूसरी बात यदि शहर से दूर घर है तो रात-बिरात आने-जाने में भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, भले ही आपके पास कार या बाइक हो, लेकिन आप रहेंगे तब ही आपको पता चलेगा कि क्या क्या घटित हो सकता है। इसका मन पर भी बुरा असर पड़ता है। नकारात्मक और निराशावादी भावना बढ़ जाती है।

अगले पन्ने पर दूसरी जगह...

तिराहे या चौराहे पर न हो घर : यदि आप तिराहे या चौराहे पर घर खरीद रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं। इस जगह पर वास्तु दोष निर्मित होता है। चौराहे के घर के संबंध में तंत्र शास्त्र कहता है कि यह तमोगुण का स्थान माना गया है। इस जगह नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है।
webdunia

यहां लोगों तथा वाहनों का आवागमन लगा रहेगा जिसके चलते आपकी मानसिक शांति भंग ही रहेगी। आपमें उत्तेजना बनी रहेगी। अतः चौराहे के पास घर नहीं बनाना चाहिए। इसी तरह तिराहे पर भी भयानक वास्तुदोष निर्मित होता है। ट्रैफिक की समस्या भी बनी रहती है। यहां रहने वाले सभी सदस्य मानसिक  रूप से परेशान ही रहते हैं।
 
अगले पन्ने पर तीसरी जगह...
webdunia
अवैध गतिविधियों वाली जगह : यदि आपके घर के आसपास मदिरालय, जुआघर, मांस-मच्छी की दुकान या इसी तरह की किसी भी प्रकार की अनैतिक-अवै‍ध गतिविधियां संचालित होती है तो वहां कतई न रहें। ऐसी जगह आपके जीवन में कभी शांति नहीं रहने देगी।
 
इससे आपके और आपके बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक असर होगा। इन जगहों पर अपराधी, तामसिक और नकारात्मक किस्म के लोगों का आवागमन अधिक होता रहता है। इससे घर पर संकट के बादल कभी भी मंडरा सकते हैं। बेहतर भविष्य के लिए या तो ऐसी अवैध गतिविधियां बंद करवाएं या वह जगह छोड़ दें।
 
अगले पन्ने पर चौथी जगह..

शोर मचाने वाली दुकान या फैक्ट्री : यदि आपके घर के आसपास ऑटो गैराज, यंत्र निर्माण का कार्य, फर्नीचरादि बनाने का कार्य, पत्थर तराशने का कार्य आदि होता है या इसी तरह के शोर उत्पन्न करने वाले किसी भी प्रकार की दुकान हो, तो यह भी आपके लिए परेशानी की जगह है। इससे घर के सदस्यों को परेशानी बनी रहेगी।
webdunia
वर्तमान युग में हर कोई अपने घर में ही संगीतशाला, नृत्यशाला और किसी भी तरह की दुकान खोलने लगा है जोकि दूसरे रहवासियों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है। मेन रोड़ के अधिकतर घर अब दुकानों में बदल गए हैं। शहर में रहवासी क्षेत्र तो अब कम ही बचे हैं। लोग आपत्ति नहीं लेते इसलिए यह सब चलता रहता है और अंतत: दूसरों के कारण आपका जीवन दुखदाई हो जाता है।
 
अगले पन्ने पर पांचवीं जगह...
 

दबंगों और प्रख्यात लोगों से दूर रहें : भविष्य पुराण अनुसार जहां राजा या उनके सेवक निवास करते हैं, वहां घर नहीं बनाना चाहिए। अगर राजा के सेवकों के साथ किसी बात पर विवाद हो जाए तो ऐसे लोग अपने प्रभाव से आपका अहित कर सकते हैं। दूसरी बात राजा के महल के पास भी घर नहीं बनाना चाहिए। चूंकि महल में अनेक विशिष्ट लोग आते हैं। इससे घर के सदस्यों का जीवन बाधित हो सकता है।
webdunia
हालांकि आजकल राजा और उनके सेवकों के रूप बदल गए हैं अब उनकी जगह नेताओं और गुंडों ने ले ली है। बहुत अधिक अति विशिष्‍ठ अधिकारी भी आपको छोटा समझकर आपके लिए परेशानी खड़ी करता रहेगा। इसीलिए अच्छा होगा की दबंगों और प्रख्यात या कुख्‍यात लोगों से दूरी ही बनाएं रखें। इसके अलावा अपने रहने के स्थान पर पड़ोसियों को भी जानें क्या वह आपके मिजास के हैं या कि नहीं? अक्सर यह देखा गया है कि समान वैचारिक समूह के साथ ही रहने से व्यक्ति खुद को सुरक्षित और प्रसन्नचित्त महसूस करता है।
 
अगले पन्ने पर छठी जगह...
 

भूमि का चयन : घर लेते या बनाते वक्त भूमि का मिजाज भी देख लें। भूमि लाल है, पीली है, भूरी है, काली है या कि पथरीली है? ऊसर, चूहों के बिल वाली, बांबी वाली, फटी हुई, ऊबड़-खाबड़, गड्ढों वाली और टीलों वाली भूमि का त्याग कर देना चाहिए। जिस भूमि में गड्ढा खोदने पर राख, कोयला, भस्म, हड्डी, भूसा आदि निकले, उस भूमि पर मकान बनाकर रहने से रोग होते हैं तथा आयु का ह्रास होता है। 
webdunia
पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में नीची भूमि सब दृष्टियों से लाभप्रद होती है। आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य और मध्य में नीची भूमि रोगों को उत्पन्न करने वाली होती है। दक्षिण तथा आग्नेय के मध्य नीची और उत्तर एवं वायव्य के मध्य ऊंची भूमि का नाम 'रोगकर वास्तु' है, जो रोग उत्पन्न करती है। अत: भूमि का चयन करते वक्त किसी वास्तुशास्त्री से भी पूछ लें।
 
अगले पन्ने पर सातवीं जगह...
 
webdunia
मुहल्ले का करें मुआयना : यदि आप किसी टॉउनशिप या किसी नए मुहल्ले में रहने जा रहे हैं तो उस टॉउनशिप या मुहल्ले को अच्छे से समझे। पहले तो उसका वास्तु जानें। दूसरे वहां के लोगों के टाइप को जानें। तीसरा वहां उपलब्ध सुविधा के बारे में जानें। जैसे स्कूल, अस्पताल, मेडिकल, किराना दुकान, थाना, वाटर सप्लाई, बिजली सुविधा, साफ-सफाई, सार्वजनिक वाहन सुविधा आदि कितनी दूरी पर उपलब्ध हैं? यदि यह सभी बातें आपके अनुकूल नहीं है तो यहां नहीं रहने में ही भलाई है। मकान शहर या मुहल्ले के पूर्व, पश्‍चिम या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
 
अगले पन्ने पर आठवीं जगह...
 

जहां नदी और पहाड़ न हो वहां न रहें : पुराने समय में यह प्रचलित था कि मकान उस गांव में हो जहां 1 नदी, 5 तालाब, 21 बावड़ी और 2 पहाड़ हो। लेकिन आजकल मकानों को बनाने के लिए तो पहाड़ काटे जा रहे हैं और नदियां सुख रही है। अब किसी स्थान की जल और वायु के प्रभाव को कौन देखता है। पहाड़ों से ही वायु का प्रभाव संचालित होता है।
webdunia

कहते हैं कि दो पहाड़ों के बीच बसा शहर आने वाले तूफान और आंधियों से सुरक्षित ही नहीं रहता बल्कि वह चारों ऋतुओं को भी अच्छे से संचालित करता है। मकान पहाड़ के उत्तर की ओर बनाएं ताकि दक्षिण में पहाड़ हो।
 
अगले पन्ने पर नौवीं जगह...
 

जहां न हो मंदिर वहां न रहें : आपका मकान मंदिर के पास है तो अति उत्तम। थोड़ा दूर है तो मध्यम और जहां से मंदिर नहीं दिखाई देता वह निम्नतम है। आपने पढ़ा होगा कि मंदिर के पास मकान नहीं होना चाहिए। यह अंधविश्‍वास है। इस अंधविश्वास के कारण ही देश के बहुत से मंदिर अब हिन्दू घरों के बीच नहीं रहे।
webdunia
hindu mandir
दरअसल, आपका मकान मंदिर के इतनी दूर होना चाहिए जिससे मंदिर के कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो और आपका जीवन भी मंदिर के दैनिक कार्यों के कारण बाधित न हो। हमने यह देखा है कि मंदिर से लगे या मंदिर के अंदर बने जिन घरों का निर्माण वास्तु के अनुसार हुआ हैं वहां रहने वाले लोग सुख-समृद्धि भरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यदि वहां रहने वाले गृहस्थ है तो उनके परिवार तरक्की कर रहे हैं।
 
भारत के कई शहरों में व्यस्त बाजार में छोटे-बड़े धार्मिक स्थल होते हैं, जिनके आसपास घनी आबादी या दुकानें होती है। ऐसी जगहों पर खूब व्यवसाय होता है और वहां रहने वाले लोग खूब तरक्की करते हैं। अक्सर लोग यह तर्क देते हैं कि धार्मिक स्थानों के आसपास रहने वाले वहां बजने वाली घंटी, शंख, ध्वनि विस्तारक यंत्र, शोरगुल, भीड़ इत्यादि के कारण परेशान रहते हैं लेकिन यह उचित नहीं है। दरअसल, आध्यात्मिक वातारवण को शोरगुल का नाम नहीं दिया जा सकता है। मंदिरों की नगरी मथुरा, उज्जैन, हरिद्वार आदि जगहों पर हर घर के पास एक मंदिर है और वहां के लोग बहुत ही शांत चित्त एवं आध्यात्मिक भाव से संपन्न हैं।
 
राजा भोज ने अपने श्रेष्ठ विद्वानों की सहायता से प्रजा की सुख-समृद्धि की कामना से ‘समरांगन वास्तु शास्त्र’ के रूप में वास्तु के नियमों को संगृहित किया है। समरांगन वास्तु शास्त्र में घर के पास मंदिर के होने के बारे में लिखा है। यदि मंदिर हो तो किस दिशा में किस देवता का मंदिर हो। यदि ऐसा नहीं है तो उन्होंने इसका समाधान भी बताया है।
 
अगले पन्ने पर दसवीं जगह...
webdunia
नदी, तालाब के किनारे न हो घर : इसका एकमात्र कारण यह है कि नदी और तालाब स्वच्छ रहें और लोगों को स्वच्छ पानी मिलता रहे। दूसरी कारण नदी में कटाव न हो, नदी में अक्सर उफान और बाढ़ का खतरा भी बना रहता है। इसके और भी कई कारण है जिसके चलते नदी के पास नहीं रहने की हिदायत दी गई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

7 जुलाई 2016 : क्या कहती है आपकी राशि