Vastu for window : जिस खिड़की से हवा आती है उस खिड़की से मुसीबतें भी आ सकती है। जिस खिड़की से प्रकाश आता है उसी खिड़की से अंधेरा भी आता है। आपके घर की खिड़की यदि उचित दिशा में नहीं है तो वास्तु दोष निर्मित होगा और इसका जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आओ जानते हैं कि मकान की खिड़की यानी विंडो किस दिशा में होना चाहिए और यदि उचित दिशा में नहीं है तो क्या होगा इसका नुकसान।
खिड़की की सही दिशा :- उत्तर, ईशान और पूर्व दिशा की दीवारों का खिड़कियों का निर्माण शुभ माना गया है। उत्तर दिशा में खिड़की होने से घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुल जाते हैं।
खिड़की के वास्तु दोष के 10 नुकसान:-
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गलत दिशा में खिड़की होने से भाग्य बंद हो जाता है।
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दक्षिण दिशा में खिड़की होने से शोक और मुसीबत की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि यह यम की दिशा होती है।
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नैऋत्य कोण में खिड़की होने से मृत्यु और धननाश की संभावना बढ़ जाती है।
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आग्नेय कोण में खिड़क होने से रोग की संभावना बढ़ जाती है।
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वायव्य कोण में खिड़की होने से पड़ोसियों से विवाद की संभावना रहती है।
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पश्चिम दिशा मे खिड़की होने से जीवन में नकारात्मकता आती है।
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वास्तु के अनुसार मकान में खिड़कियों की संख्या विषम संख्या में है तो जीवन भी विषम हो जाएगा
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खिड़कियां टूटी हुई, गंदी या आड़ी-तिरझी बनी हुई तो नकारात्मकता और असफलता का दौर कभी खत्म नहीं होगा।
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खिड़कियों में वास्तु दोष है तो जीवन में अचानक होने वाली घटनाएं बढ़ सकती है।
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गलत दिशा में खिड़की होने से रात में नींद भी अच्छे से नहीं आती है। भय बना रहता है।
अन्य नियम:
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खिड़कियां कभी भी घर के सन्धि भाग में न बनवाएं।
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गलत दिशा में खिड़किया हैं तो उस पर मोटा पर्दा लगा दें।
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खिड़की को भी अच्छे से सजाकर और पर्दे से ढंकी हुई रखें।
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मकान में खिड़कियां द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे।
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खिड़की के आसपास बेलबुटे वाले चित्र होना चाहिए या रांगोली या मंडने वाली चित्रकारी होना चाहिए।
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घर की सभी खिड़की व दरवाजे एक समान ऊंचाई पर होने चाहिए।
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खिड़किया दो पल्ले वाली होना चाहिए और इन्हें खोलने एवं बंद करने में आवाज नहीं होना चाहिए।
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पल्ले अंदर की ओर खुलना चाहिए बाहर की ओर नहीं।