अगर आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है या वह पढ़ाई से जी चुरा रहा है, उसका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता हैं तो आप नीचे दिए गए टिप्स के अनुसार बच्चे के कमरे में वास्तु परिवर्तन करेंगे तो निश्चित ही वह मन लगाकर पढ़ेगा तथा उसका स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा।
आइए जानें 12 खास बातें-
1. बच्चों के कमरे में पर्याप्त रोशनी आनी चाहिए। व्यवस्था ऐसी हो कि दिन में पढ़ते समय उन्हें कृत्रिम रोशनी की आवश्यकता ही न हो।
2. जहां तक संभव हो सके, बच्चों के कमरे की उत्तर दिशा बिलकुल खाली रखना चाहिए।
3. उनके किताबों की रैक नैऋत्य कोण में स्थित हो सकती है।
4. खिड़की, एसी तथा कूलर उत्तर दिशा की ओर हो।
5. बच्चों के कमरे में स्थित चित्र एवं पेंटिंग्स की स्थिति उनके विचारों को प्रभावित करती है इसलिए हिंसात्मक, फूहड़ एवं भड़काऊ पेंटिंग्स एवं चित्र बच्चों के कमरे में कभी नहीं होना चाहिए।
6. महापुरुषों के चित्र, पालतू जानवरों के चित्र, प्राकृतिक सौंदर्य वाले चित्र तथा पेंटिंग्स बच्चों के कमरे में हो सकती हैं।
7. भगवान गणेश तथा सरस्वती जी का चित्र कमरे के पूर्वी भाग की ओर होना चाहिए। इन दोनों की देवी-देवताओं को बुद्धिदाता माना जाता है अत: सौम्य मुद्रा में श्री गणेश तथा सरस्वती की पेंटिंग या चित्र बच्चों के कमरे में अवश्य लगाएं।
8. आपका बच्चा जिस क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देख रहा है, उस करियर में उच्च सफलता प्राप्त व्यक्तियों के चित्र अथवा पेंटिंग्स भी आप अपने बच्चों के कमरे में लगा सकते हैं।
9. यदि बच्चा छोटा हो, तो कार्टून आदि की पेंटिंग्स लगाई जा सकती है।
10. बच्चों के कमरे में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि घर में होने वाला शोरगुल उन्हें बिलकुल बाधित न करे अत: बच्चों के कमरे से घर की तरफ कोई खिड़की या झरोखा खुला हुआ नहीं होना चाहिए।
11. बच्चों की श्रेष्ठ उन्नति के लिए उनके कमरे का वास्तु के अनुकूल होना आवश्यक है।
12. यदि उपर्युक्त तथ्यों में आपके बच्चों के कमरे में कोई कमी है, तो उसे परिवर्तित कर वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं। ऐसा करने पर निश्चित रूप से आपके बच्चे के मानसिक विकास एवं उसकी ग्राह्य क्षमता में परिवर्तन नजर आएगा।