- अशोक पंवार
कई मकानों में पूर्व या उत्तर दिशा के मकानों में टांड बना लिए जाते हैं और अटाला भर दिया जाता है, जबकि इस प्रकार करने से अनेक कष्टों का सामना भी करना पड़ता है और हमें इसका भान तक नहीं होता है।
अकसर देखने में आता है कि हमारे घर का सामान चाहे जो हो, ईशान में या उत्तर-पूर्व की दिशा में रख दिया जाता है। कभी-कभी मशीन भी इस दिशा में रख दी जाती है। ऐसी स्थिति में हमें लाभ के बजाय नुकसान ही मिलता है व निरंतर हानि का सामना करना पड़ता है।
हम यदि दक्षिण-पश्चिम में टांड बनाएं तो सामान रखने में अधिक सुविधा होकर अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है। इसी प्रकार मशीन या भारी वस्तु को दक्षिण दिशा में आग्नेय कोण से लेकर नैऋत्य कोण तक रखें तो अधिक सुचारु रूप से चलेगी। मशीनी कार्य करने वाले कारीगरों को भी इसी दिशा में बिठाना चाहिए।
अकसर देखने में आया है कि रहवासी मकानों में ऊपरी मंजिलों में रेडीमेड की सिलाई की जाती है, ऐसा गलत है। इस प्रकार करने से मकान की उम्र कम होती है। निरंतर कंपन होने से तनाव भी बढ़ता है। उपरोक्त बातों का ध्यान रखें तो अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकता है।