Vastu : घर के वास्तु का हमारे जीवन में कुंडली के ग्रहों से ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यदि घर वास्तु के अनुसार नहीं है तो जीवन में घटना, दुर्घटना, रोग और शोक चलते ही रहेंगे। एक जाएगा तो दूसरा जल्द ही आ जाएगा। इसलिए वास्तु दोषों को समझकर उसके उपाय जरूर कर लेना चाहिए। इस प्रकार यदि घर के किचन के उपर बेडरूम है तो यह एक गंभीर वास्तु दोष है इसके 3 नुकसान हो सकते हैं।
कारण : किचन जहां रहता है वहां निरंतर अग्नि जलती रहती है। धीरे-धीरे वहां पर अग्नि मंडल बनता जाता है। समय के साथ इसका घनत्व भी बढ़ जाता है। इसका कुप्रभाव प्रभाव किचन के सामने, ऊपर और नीचे की मंजिल पर पड़ता है। किचन के एकदम सामने, नीचे या ऊपर बेडरूम कभी नहीं बनाना चाहिए।
1. मानसिक तनाव : किचन के ऊपर के बेडरूम है तो वहां सोने वाले अनावश्यक रूप से तनाव में रहेंगे। उन्हें मानसिक रूप से बैचेनी रहेगी। कई बार यह मानसिक तनाव आत्म हत्या के विचार में भी बदल सकता है।
2. गंभीर रोग : हो सकता है कि यहां रहने वाले किसी सदस्य को कोई गंभीर रोग होने लगे और जो कभी ठीक न हो।
3. गृहकलेश : किचन के ऊपर के बेडरूम में सोने वाले अनावश्यक रूप से छोटी छोटी बात पर लड़ाई झगड़ा करते हैं। उनमें वैचारिक मतभेद बढ़ जाते हैं। वे घर छोड़कर जाने का विचार करते हैं।
4. धन हानि : अधिक समय तक अग्नि मंडल के प्रभाव क्षेत्र में रहने से अकारण क्रोध, पारिवारिक क्लेश, मन-मलीनता, निर्णय क्षमता में कमी होने लगती है। शारीरिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो उच्च रक्तचाप, नसों में कमजोरी, अनिद्रा, पित्त की अधिकता होने लगती है। इसी के साथ ही कानूनी विवाद, धन हानि, व्यापारिक नुकसान और विवाद आदि समस्या भी देखी गई है।
उपाय :
1. किचन में एग्जॉस्ट फैन लगाएं जो किचन में काम करते वक्त और उसके बाद 1 घंटे तक चलता रहे।
2. किचन में जल और अग्नि की स्थापना अलग अलग दिशाओं में करें। अग्नि आग्नेयकोण में और जल ईशान कोण में।
3. किचन की छत पर मार्बल पेंट लगाएं या छत पर पीओपी लगवा लें।
4. किचन में गैसे स्टोव के उपर अच्छी चिमनी लगाएं जिसका धुंआ और अग्नि बाहर निकल जाए।
5. किचन स्टैंड से करीब 12 फीट उपर छत होना चाहिए तो किचन की ऊर्चा का प्रभाव कम रहेगा।
6. किचन के ऊपर बेडरूम में बेड वहां न लगाएं जहां जिसके नीचे एकदम गैस स्टैंड हो।