* वास्तु शास्त्र में पूर्व व उत्तर दिशाएं काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, क्योंकि सूर्योदय पूर्व से होता है और लाभकारी चुंबकीय तरंगों का आगमन उत्तर से होता है। विद्यार्थियों के लिए पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके अध्ययन करना लाभकारी रहता है।
* बच्चों के पढ़ाई का कमरा घर के पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व में होना चाहिए तथा यह ध्यान रखना चाहिए कि उसमें कोई खंभा न हो।
* स्टडी टेबल पर या सामने के दर्पण आदि लगाने से बचना चाहिए। टेबल पर जरूरी सामान ही रखें।
* पुस्तकें, कॉपियां आदि कमरे के दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम ओर में रखना चाहिए और उन्हें रखने की अलमारी के शेल्फ खुले नहीं होना चाहिए। यह एकाग्रता में कमी लाता है।
* अध्ययन के वक्त मुख को पश्चिम व उत्तर दिशा की ओर भी रखा जा सकता है, मगर इन दिशाओं में अध्ययन का फल अच्छा नहीं मिलता।
* अध्ययन के वक्त दक्षिण की ओर मुख करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनमें अग्नि तत्व की प्रधानता हो जाती है जिससे वह उद्दंड व अनुशासनहीन हो सकता है।