Vastu Tips for RO: घर की अलग अलग दिशाएं पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं। जल का स्थान जहां पर है वहीं पीने के पानी की व्यवस्था करना चाहिए। अग्नि के स्थान पर गैस स्टोव होना चाहिए। इससे पंचतत्वों का संतुलन बना रहता है। अन्यथा संकट खड़े होते हैं और धनहानि के योग बनते हैं। आओ जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की किस दिशा में RO लगवाना चाहिए।
ALSO READ: Vastu Tips : खिड़कियां नहीं हैं वास्तु के अनुसार तो घर आएंगी बुरी हवाएं
1. घर के रसोईघर में पीने के पानी का बर्तन रखने का स्थान उत्तर, ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व या पूर्व में है।
2. RO या वाटर फिल्टर मशीन आदि भी पूर्व या पूर्व-उत्तर के कोने में रखें। आरो को कभी भी आग्नेय या दक्षिण दिशा में न लगाए।
3. यदि आप भूमिगत टैंक, बोरिंग या हैंडपंप लगाने का सोच रहे हैं तो भी उत्तर दिशा, ईशान दिशा या पूर्व दिशा में ही लगाएं।
4. दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम अथवा दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं अथवा ट्यूबवेल नहीं होना चाहिए।
6. ओवर हेड टैंक उत्तर और वायव्य कोण के बीच होना चाहिए। टैंक का ऊपरी भाग गोल होना चाहिए।
7. यदि आपके घर में पहले से ही पुराने समय का कुआं, ट्यूबबेल विपरीत दिशा में है तो उसे भरवा दें या उसका उपयोग न करें।
8. घर के नल से पानी टपकता रहता है तो आर्थिक नुकसान भी होता रहेगा।
9. जिनके घर में जल की निकासी दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में होती है उन्हें आर्थिक समस्याओं से जुझना पड़ता है। उत्तर दिशा एवं पूर्व दिशा में जल की निकासी आर्थिक दृष्टि से शुभ मानी गई है।
10. घर में स्नानघर भी उचित दिशा में होना चाहिए। यह पूर्व में है तो शुभ माना जाता है।
12. पीने के पानी को पीतल, तांबे या मिट्टी के घढ़े में ही भरकर रखना चाहिए। लोहे, स्टील, प्लास्टिक आदि में नुकसानदायक है।