रंगों का हमारी जिंदगी से बहुत गहरा संबंध है। हममें से कुछ लोग रंगों की थ्योरी पर यकीन नहीं करते हैं लेकिन यह सच है कि रंगों का चयन हमारे व्यक्तित्व की ओर इशारा करता है। अकसर हम जिन रंगों का चयन करते हैं, उससे हमारे स्वभाव, स्वास्थ्य व मनोविज्ञान का मोटे तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है।
कुछ अपवादों को छोड़कर अकसर हम उन्हीं रंगों की ओर आकर्षित होते हैं, जिन्हें हम अधिक पसंद करते हैं। जब हमारे पसंदीदा रंग घर की दीवारों या फर्नीचर पर सजते हैं तो वह हमारी सोच को प्रभावित करने के साथ ही लाइफ स्टाइल पर भी अपनी छाप छोड़ते हैं।
आइए हम जानते हैं घर की दीवारों पर रंगों के स्वभाव संबंधी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां :-
रंगों की अहमियत केवल दीवारों या कपड़ों पर ही नहीं है, इससे कहीं अधिक रंग हमारी विचारधारा व व्यक्तित्व को भी प्रभावित करते हैं। रंगों का मनोविज्ञान और रंगों की भाषा को यदि हम गहराई से पढ़ने की कोशिश करेंगे तो हम पाएंगे कि हर रंग हमसे कुछ कहता है।
* लाल रंग से सजी दीवारों वाले कमरे में समय धीमे-धीमे गुजरता-सा प्रतीत होता है जबकि नीले रंग से रोशन दीवारों वाले कमरे में वक्त बहुत तेजी से कटता है। आपने अक्सर यह देखा होगा कि अधिकांश दफ्तरों की भीतरी दीवारें नीले रंग से सजी होती हैं।
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* चटख लाल और पीला रंग रक्तचाप को बढ़ाने वाले रंग कहे जाते हैं, वहीं नीले रंग का प्रभाव इससे ठीक उलटा होता है।
* हल्के और गाढ़े रंग कमरे का आकार बड़ा होने का फील देते हैं जबकि डार्क और कूल कलर कमरे का आकार छोटा होने का फील कराते हैं।
* दीवारों पर सजा नारंगी रंग आपकी भूख को बढ़ाता है जबकि बैंगनी रंग आपकी भूख कम करता है।
* वार्मर फील देने वाले रंग हमें पास होने का आभास कराते हैं, जबकि कूल कलर हमें दूर होने का।
तो आप भी इसी सिद्घांत को ध्यान में रखकर अपने मकान के बाहरी हिस्से के रंगों का चयन करें और रंगों की भाषा का मनोविज्ञान समझ कर ही घरों को रंगों से सजाएं।