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Mahashivratri पर भांग पीने का प्रचलन कब से हुआ प्रारंभ, क्या शंकर जी को भांग प्रिय है | महाशिवरात्रि

कहते हैं कि समुद्र मंथन से निकले विष की बूंद गिरने से भांग और धतूरे नाम के पौधे उत्पन्न हो गए। कोई कहने लगा कि यह तो शंकर जी की प्रिय बूटी है। फिर लोगों ने कथा बना ली कि यह पौधा गंगा किनारे उगा था। इसलिए इसे गंगा की बहन के रूप में भी जाना गया। तभी भांग को शिव की जटा पर बसी गंगा के बगल में जगह मिली है। फिर क्या था सभी लोग भांग घोट-घोट के शंकरजी को चढ़ाने लगे। जबकि शिव महापुराण में कहीं भी नहीं लिखा है कि शंकरजी को भांग प्रिय है। हकीकत यह है कि शिवजी का कंठ जलता है तो इस कंठ की जलन को 2 वस्तुओं से रोका जा सकता है एक गाय का दूध और दूसरा भांग का लेप, लेकिन शास्त्रों में कहीं भी शिवजी के भांग, गांजा या चीलम पीने का उल्लेख नहीं मिलता है। #mahashivratri2025 #shivratri #devotional #mahashivratri #hindinews अपने काम की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें- https://hindi.webdunia.com/utility सिनेमा जगत (बॉलीवुड) की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें- https://hindi.webdunia.com/entertainment देश-दुनिया की खबरें, बॉलीवुड न्यूज, धर्म-ज्योतिष आदि पढ़ने के लिए क्लिक करें- https://hindi.webdunia.com/ ऐसे ही वीडियो देखने के लिए चैनल सब्सक्राइब ज़रूर करें- https://www.youtube.com/channel/UCUwiVO9Uq7ks1LWHHY7ZARQ वेबदुनिया हिन्दी के इन सोशल मीडिया चैनल्स पर भी आप जुड़ सकते हैं- Facebook : https://www.facebook.com/webduniahindi/ Twitter : https://twitter.com/webduniahindi Instagram : https://www.instagram.com/webduniahindi/ वेबदुनिया हिन्दी का एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें- https://play.google.com/store/apps/details?id=com.webdunia.app&hl=en