रीमेक का दौर फिल्मों में नहीं बल्कि वेबसीरिज में भी चल रहा है हालांकि वेबसीरिज में डबिंग और सब टाइटल्स के जरिये भी दर्शक विदेशी सीरिज का मजा लेते हैं। हाल ही में जी5 पर दुरंगा नामक वेबसीरिज आई है जो साउथ कोरियन सीरिज 'फ्लॉवर ऑफ ईविल' का हिंदी रीमेक है।
रीमेक बनाते समय कई बार गड़बड़ हो जाती है क्योंकि जिन दर्शकों के लिए रीमेक बनाया जा रहा है उनकी पसंद, भाषा और देश के अनुरूप बदलाव किए जाते हैं। दुरंगा में जिस तरह से देसी रंग दिया गया है उससे नौ एपिसोड में बनी 'दुरंगा' ऐसी सीरिज बन गई है जो दर्शकों को पूरे समय बांध कर रखती है। रोमांच पहले एपिसोड से शुरू होकर आखिरी तक रहता है।
क्राइम थ्रिलर इस समय सबसे देखा जाता है और दुरंगा की कहानी का आधार भी अपराध है। मुंबई में रहने वाला समित पटेल (गुलशन देवैया) की पत्नी इरा (दृष्टि धामी) पुलिस अफसर है। दोनों की 6 साल की बेटी है। समित घर की जवाबदारी संभालता है। अचानक कुछ हत्याएं होती हैं। हत्यारे ने 17 साल पहले मर चुके सीरियल किलर बाला बाणे के अंदाज में कत्ल किए हैं जिससे पुलिस के सामने कई सवाल उठते हैं। हत्यारे का लिंक समित और इरा से जुड़ा हुआ है।
दुरंगा की सबसे अच्छी बात यह है कि यह सीरिज सधी हुई है। कहीं कोई हड़बड़ाहट नजर नहीं आती और न ही इतनी धीमी है कि दर्शकों को ऊबा दे। हर एपिसोड में नए किरदार आते रहते हैं और दर्शकों की दिलचस्पी बनाए रखते हैं। आगे क्या होगा ये जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं।
निर्देशक प्रदीप सरकार और एजाज खान ने रोमांच की कड़ियां बढ़िया तरीके से जोड़ी है और बेहद सशक्त अभिनेताओं को लिया है जिससे यह सीरिज एकदम ठोस लगती है। पहले सीज़न का अंत कुछ इस अंदाज में किया गया है कि दूसरे सीज़न का इंतजार रहेगा।
दृष्टि धामी लंबे समय बाद नजर आई हैं, लेकिन अभिनय करना नहीं भूली। पुलिस ऑफिसर के रूप में वे नाजुक सी लगती हैं, लेकिन अभिनय के जरिये वे इस बात को छिपा लेती हैं। गुलशन देवैया का रोल मजबूत है और एपिसोड दर एपिसोड उनके किरदार में निखार आता जाता है। उनकी एक्टिंग एकदम नेचुरल है। महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिव्या सेठ शाह, बरखा बिष्ट, राजेश खट्टर, अभिजीत खांडेकर हैं जो अनुभवी और मंझे हुए कलाकार हैं और 'दुरंगा' में अभिनय के जरिये छा जाते हैं।
बढ़िया अभिनय और सस्पेंस 'दुरंगा' की खासियत है और यह ज्यादातर लोगों को पसंद आएगी।