सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि 1 अप्रैल से गुड मॉर्निंग मैसेज पर 18 फीसदी GST लगेगा। अखबार की कटिंग में जीएसटी लागू करने की वजह भी दी गई है। खबर में लिखा गया है कि सुबह-सुबह लाखों गुड मॉनिग मैसेज भेजे जाते हैं। जिसकी वजह से इंटरनेट की स्पीड स्लो हो जाती है। इसलिए मैसेज को कम करने और इंटरनेट की स्पीड को सुधारने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है। मोबाइल बिल के साथ महीने के अंत में इस GST बिल को भी भरना होगा।
क्या है सच-वायरल हो रही खबर की पड़ताल शुरू करते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। जिसके बाद हमें पता चला कि ये अखबार की कटिंग 2018 में भी वायरल हुआ था। उस वक्त कई
मीडिया हाउस ने इसका फैक्ट चेक किया था, जिसमें इस खबर को गलत बताया गया था।
दरअसल, ये अखबार की कटिंग नवभारत टाइम्स की है। 2 मार्च 2018 के दिल्ली एडिशन में नवभारत टाइम्स ने अपने पहले पेज पर इस खबर को सबसे ऊपर छापा था। जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी। होली के दौरान सटायर के तौर पर यह खबर छापी गई थी। इसके अलावा भी कई अन्य खबरों को सटायर के तौर पर छापा गया था। इन सभी खबरों के नीचे लिखा गया था “बुरा न मानो होली है”।
उस दौरान नवभारत टाइम्स के पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने भी एक ट्वीट कर बताया था कि होली स्पेशल पेज पर छपी खबरों को सटायर-ह्यूमर के तौर पर छापा गया था।
वेबदुनिया की पड़ताल में वायरल हो रही खबर झूठी निकली। यह खबर तीन साल पहले होली के मौके पर नवभारत टाइम्स पर सटायर के तौर पर छापी गई थी।