केंद्र सरकार ने हाल में सोशल मीडिया, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल कंटेंट को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए। इस बीच, सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो गई कि नए दिशानिर्देशों के अनुसार, तीन महीने में सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को किसी सरकारी आईडी के साथ वेरीफाई करवाना जरूरी है।
क्या है वायरल-
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव ने लिखा है, “सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को तीन महीने के अंदर मोबाइल फोन के जरिए सरकारी आईडी के साथ वेरीफाई कराना होगा। स्वागतयोग्य कदम। इंटरनेट अब ज्यादा सुरक्षित और जिम्मेदार होगा। यूजर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार ने इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड रूल्स 2021 जारी कर दिया है।”
क्या है सच-
हमने सबसे पहले वायरल दावे से संबंधित कीवर्ड्स की मदद से इंटरनेट पर सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई पुख्ता खबर या कोई सरकारी आदेश नहीं मिला, जिसमें भारत में सोशल मीडिया अकाउंट्स का वेरीफिकेशन अनिवार्य करने का जिक्र हो।
आगे की पड़ताल में हमें भारत के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) का एक ट्वीट मिला। इसमें केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्री रविशंकर प्रसाद का एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में वे सोशल मीडिया अकाउंट्स के वेरीफिकेशन के बारे में बता रहे हैं। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, “जो यूजर्स अपने अकाउंट को स्वेच्छा से वेरीफाई कराना चाहते हैं, उन्हें अपने इसके लिए एक उपयुक्त तंत्र मुहैया कराया जाएगा और उन्हें वेरीफिकेशन का निशान भी प्रदर्शित करने की भी सुविधा दी जाएगी।
वेबदुनिया की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा भ्रामक निकला। सोशल मीडिया अकाउंट्स का वेरीफिकेशन अनिवार्य नहीं, बल्कि स्वेच्छिक है।