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क्या नोटों से फैल सकता है कोरोना वायरस...जानिए सच...

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, मंगलवार, 17 मार्च 2020 (14:45 IST)
महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया भर में फैलता जा रहा है। भारत में भी इस खतरनाक संक्रमण से तीन लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 125 हो गई है। इस बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल किए जाने वाले करेंसी नोटों के जरिये भी कोरोना वायरस फैल सकता है। तो आइए जानते इस दावे में कितनी सच्चाई है।
 
क्या कहते हैं डॉक्टर?
 
इंदौर के नाक, कान, गला एवं कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. सुबीर जैन ने इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंट्रीग्रेटिव बॉयोलॉजी (आईजीआईबी) द्वारा 2015 में किए गए एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि करेंसी नोटों से करीब 78 तरह की बीमारियां फैलती हैं। नोटों में वैक्टीरिया और वायरस भी होते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। डॉ. जैन का कहना है कि नोटों पर अक्सर सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं, जो नोट के जरिये एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं। इसलिए एहतियातन सावधानी बरतना जरूरी है।
 
क्या कहता है WHO?
 
मार्च महीने के शुरुआत में यूके मीडिया ने लिखा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि करेंसी नोटों से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। लेकिन WHO प्रवक्ता फेडेला चैब ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि हमने यह नहीं कहा कि बैंक नोट, कोरोना वायरस को फैला सकता है। हालांकि, चैब ने कहा कि एक अच्छी हाइजीन प्रैक्टिस के तौर कैश का इस्तेमाल करने के बाद हमें हाथ जरूर धोने चाहिए, खासकर खाना खाने से पहले।
 
RBI ने क्यों कहा नोट के बदले डिजिटल मोड अपनाएं?
 
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिजर्व बैंक ने सोशल कॉन्टैक्ट को कम करने के उद्देश्य से लोगों को पेमेंट के लिए नोट के बदले डिजिटल जरिया अपनाने की सलाह दी है। केंद्रीय बैंक ने कहा, पेमेंट के लिए लोग अपनी सहुलियत के अनुसार मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे डिजिटल पेमेंट मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं और पैसे निकालने या बिल का पेमेंट करने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। साथ ही, आरबीआई ने कहा कि अब डिजिटल पेमेंट के विकल्प जैसे NEFT, IMPS, UPI और BBPS फंड ट्रांसफर की सुविधा चौबीसों घंटे मिलेगी।

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