सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि केंद्र की मोदी सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगा दिया है। कहा जा रहा है कि भारत स्कूली किताबों पर टैक्स लगाने वाला पहला देश बन गया है। जैसी ही स्कूली किताबों पर टैक्स लगाने की खबर फैलने लगीं तो सरकार ने उन्हें फर्जी करार देते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया है।
क्या है वायरल-फेसबुक और
ट्विटर पर एक ग्राफिक शेयर किया जा रहा है, जिसपर लिखा है- ‘School की किताबों पर Tax लगाने वाला पहला देश बना भारत’।
क्या है सच-
भारत सरकार की तरफ से प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने स्पष्टीकरण जारी किया है। पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है- ‘दावा: सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा कि केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगा दिया है। PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। स्कूली टेक्स्ट बुक्स पर कोई टैक्स नहीं है।’