इंदौर में महाशिवरात्रि के मौके पर मुस्लिम माताओं बहनो ने बुर्का पहनकर उठाई कावड़। ॐ नमः शिवाय लिखक्रर शिव भक्त मुस्लिम बहनों का स्वागत नहीं करोगे?” – इस मैसेज के साथ कावड़ लिए बुर्का पहनी महिलाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। कनक मिश्र नाम के फेसबुक यूजर के इस पोस्ट को 8,500 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है। ये तस्वीरें फेसबुक ही नहीं ट्विटर पर भी इसी तरह के कैप्शन के साथ शेयर की जा रही हैं।
वायरल तस्वीरों में क्या है?
उपरोक्त मैसेज के साथ दो तस्वीरें शेयर हो रही हैं। एक तस्वीर में बुर्का पहनी महिलाएं कावड़ उठाए नजर आ रही हैं, तो दूसरी तस्वीर में महिलाओं की भीड़ नजर आती हैं जिनमें से आधी महिलाओं ने बुर्का पहना हुआ है।
वायरल तस्वीरों का सच क्या है?
चूंकि यह खबर इंदौर की है, तो हम इस खबर से वाकिफ थे। बुर्का पहनी महिलाओं ने कावड़ यात्रा की तो थी, लेकिन यह बात इस साल की नहीं है, बल्कि साल 2015 के सावन के आखिरी सोमवार की है।
दरअसल, अगस्त 2015 में इंदौर में सावन के आखिरी सोमवार के दिन सर्वधर्म समभाव की अनोखी कावड़ यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा में हिंदू और मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिख, ईसाई और पारसी समाज की महिलाएं व पुरुष भी कावड़ लेकर शामिल हुई थे। उस समय वेबदुनिया सहित कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इस खबर को प्रकाशित भी किया था।
वेबदुनिया की रिपोर्ट देखें-
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया कि वायरल तस्वीरें इंदौर की तो हैं लेकिन यह महाशिवरात्रि की नहीं बल्कि साल 2015 के सावन के आखिरी सोमवार की हैं।