इन दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खाली किए गए सरकारी बंगले में हुई तोड़-फोड़ की घटना चर्चा में है। सपा और भाजपा दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाने में लगे हुए हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव प्रीति चौबे ने पार्टी अध्यक्ष का बचाव करते हुए राजनाथ सिंह पर सरकारी बंगले को खंडहर बनाने का आरोप लगाया। प्रीति चौबे ने अपने आरोप सिद्ध करने के लिए कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कर दी।
आइए जानते हैं कितनी सच्चाई है इन तस्वीरों में...
जब हमने प्रीति चौबे द्वारा पोस्ट की हुई तस्वीरें देखीं, तो उनमें से तीन पर तो वाटरमार्क दिखे और एक तस्वीर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की निकली।
पहली तस्वीर पर 123RF का वाटरमार्क है। यह एक डिजिटल स्टॉक एजेंसी है, जो रॉयल्टी फ्री तस्वीरें बेचती है। जब हमने इस तस्वीर को गूगल इमेज सर्च के जरिये ढूंढने की कोशिश की, तो हमें इस एजेंसी की वेबसाइट की एक लिंक मिली, जिसमें पर हू-ब-हू यही तस्वीर थी। जिस पर कैप्शन लिखा है – ‘एक तहस-नहस हो चुके घर का इंटिरियर’।
दूसरी तस्वीर के नीचे रॉयटर्स एजेंसी का नाम लिखा है। हमने रॉयटर्स पर अलग-अलग कीवर्ड्स - जैसे Rajnath Singh Bungalow, Rajnath Singh Home, Rajnath Singh House - से सर्च किया, फिर भी यह फोटो नहीं मिली।
तीसरी तस्वीर पर depositphotos का वॉटरमार्क है। Depositphotos की वेबसाइट पर भी यह तस्वीर मिल गई, जिस पर कैप्शन लिखा है- ‘एक तहस नहस हो चुके पुराने घर का गलियारा’। यह तस्वीर 19 मार्च, 2014 की है।
चौथी तस्वीर पर dreamstime का वॉटरमार्क है। यह भी एक स्टॉक फोटोग्राफी एजेंसी है, जिस पर हमें कथित तस्वीर मिल गई। इस तस्वीर पर कैप्शन लिखा है – ‘तबाह हो चुकी पुरानी रसोई, खाली पड़े घर का इंटीरियर’। यह तस्वीर 23 अक्टूबर, 2012 की है।
हमारी पड़ताल में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव प्रीति चौबे का राजनाथ सिंह द्वारा सरकारी बंगले को खंडहर बनाने का दावा झूठा निकला।