कोरोना पर रोकथाम के लिए लागू लॉडाउन के कारण सड़कों पर वाहनों का आवागमन थमने से प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो गया। दावा है कि लॉकडाउन में प्रदूषण इतना कम हो गया है कि सदियों बाद ब्रह्म कमल खिल उठे हैं।
क्या है वायरल-
वीडियो शेयर करते हुए यूजर्स लिख रहे हैं- ‘यह अनहोनी घटना सदियों बाद हुई है। कभी न दिखाई देनेवाला देव पुष्प ब्रह्म कमल जिसके दर्शन मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है, लॉकडाऊन में वहीं ब्रह्म कमल प्रदुषण कम होने के चलते प्रकृति के करवट लेते ही देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में लाखों की संख्या में खिला है।’
फेसबुक ही नहीं ट्विटर पर भी ऐसा दावा किया जा रहा है।
क्या है सच-
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला जो हू-ब-हू वायरल वीडियो जैसा था, लेकिन यह वीडियो दिसंबर 2017 को अपलोड किया गया था।
बता दें, हिमालयीन राज्यों में मानसून के दौरान यह ब्रह्म कमल खिलता है। माना जाता है कि ब्रह्म कमल के पौधे में एक साल में केवल एक बार ही फूल आता है जो कि सिर्फ रात्रि में ही खिलता है। पौराणिक मान्यता अनुसार पांडव पत्नी द्रौपदी ने भीम से इस कमल को लाने के लिए कहा था। कहते हैं कि माता पार्वती के कहने पर ब्रह्माजी ने इस कमल का निर्माण किया था। पुराणों अनुसार भगवान विष्णु की नाभि से कमल की उत्पत्ति हुई थी और कमल से ही ब्रह्मा की उत्पत्ति का वर्णन मिलता है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि वायरल वीडियो पुराना है और इसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।