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Fact Check: भगवान श्रीराम जिस शिवलिंग की पूजा करते थे वो मिला अयोध्या की खुदाई में? जानिए वायरल PHOTO का सच

हमें फॉलो करें Fact Check: भगवान श्रीराम जिस शिवलिंग की पूजा करते थे वो मिला अयोध्या की खुदाई में? जानिए वायरल PHOTO का सच
, गुरुवार, 8 अप्रैल 2021 (12:47 IST)
अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण पिछले साल से शुरू हो चुका है। मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई के दौरान कई प्राचीन अवशेष मिले थे। अब सोशल मीडिया पर एक शिवलिंग की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में खुदाई के दौरान यह शिवलिंग मिला है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि भगवान श्रीराम जिस शिवलिंग की पूजा करते थे यह वही शिवलिंग है।

क्या है वायरल-

ट्विटर पर शिवलिंग की तस्वीर शेयर करते हुए युजर्स लिख रहे हैं, “भगवान श्रीराम जिस शिवलिंग की पूजा करते थे वो मिला अयोध्या की खुदाई में जय श्री राम।”



यह तस्वीर फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है सच-

पड़ताल शुरू करते हुए हमने वायरल हो रही फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें 27 जुलाई 2016 की अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल फोटो लगी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, फर्रुखाबाद के प्राचीन मठिया देवी मंदिर में खुदाई के दौरान शिवलिंग का बड़ा-सा हिस्सा निकला था। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह शिवलिंग 250 साल पुराना है।

अधिक खोजने पर हमें न्यूज18 की 22 मार्च 2021 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई के दौरान चरणपादुका, सिलबट्टा, प्राचीन पाषाण व चौखट सहित कुछ खंडित मूर्तियों के अवशेष मिले थे।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पिछले साल मई में जब रामजन्मभूमि परिसर का समतलीकरण कार्य किया जा रहा था तब भी बड़ी मात्रा में खुदाई के दौरान प्राचीन अवशेष मिले थे। इसमें देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, सात ब्लैक टचस्टोन के स्तंभ, छह रेड सैंडस्टोन के स्तंभ और चार फीट का शिवलिंग मिला था।

आगे की पड़ताल में हमें Shri Ram janmbhoomi Teerth kshetra के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 20 मई 2020 को किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट में भी बताया गया है कि मंदिर निर्माण के लिए की गई खुदाई के दौरान एक शिवलिंग मिला है। लेकिन ट्वीट के साथ शेयर की गईं तस्वीरें भी वायरल तस्वीर से बिल्कुल अलग हैं।



वेबदुनिया की पड़ताल में सामने आया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा फेक है। जिस शिवलिंग को अयोध्‍या का बताकर शेयर किया जा रहा है, वह फर्रुखाबाद का है।

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