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क्या वाकई में नमाज के लिए रोकी गई ट्रेन.. जानिए वायरल तस्वीरों का सच..

हमें फॉलो करें क्या वाकई में नमाज के लिए रोकी गई ट्रेन.. जानिए वायरल तस्वीरों का सच..
, सोमवार, 22 अक्टूबर 2018 (16:55 IST)
दशहरा के दिन अमृतसर में एक दर्दनाक हादसा हुआ। अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास रावण दहन देखने आए लोग ट्रेन की चपेट में आ गए, जिसमें कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से हरेक देशवासी सदमे में है, लेकिन कुछ स्वार्थी लोग इस दुख की घड़ी में भी सांप्रदायिकता फैलाने  की कोशिश में लगे हुए हैं। इसका उदाहरण है.. सोशल मीडिया पर वायरल कुछ तस्वीरें। इन दिनों ट्रेन की पटरियों के बीच नमाज पढ़ते लोगों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं और पूछा जा रहा है कि ‘नमाज़ के लिए ट्रेन रोकी जा सकती है तो रावन दहन के लिए क्यों नहीं?’

क्या है वायरल तस्वीरों में.. 

वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ट्रेन की पटरियों पर बैठकर बहुत से लोग नमाज पढ़ रहे हैं। तस्वीर में दिख रहा है कि एक इंजन रुका हुआ है और इसके साथ ही पीछे एक दूसरी ट्रेन भी रुकी हुई दिख रही है।



क्या है इन तस्वीरों की सच्चाई?

जब हमने वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया, तो हमें टाइम्स ऑफ इंडिया का एक ब्लॉग मिला, जिस पर 23 जून 2017 को ये तस्वीरें ‘अलविदा नमाज’  कैप्शन के साथ पोस्ट की गई थीं। ये तस्वीरें फोटो जर्नलिस्ट अनिन्दया चट्टोपाध्याय ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास अलविदा की नमाज के दौरान खींची थीं।

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अनिन्दया चट्टोपाध्याय ने एक निजी चैनल को बताया है कि नई दिल्ली स्टेशन और सदर बाजार के बीच नबी करीम नाम की जगह है। उसके पास अच्छन मियां की मस्जिद है। ये तस्वीरें वहीं की हैं। उन्होंने बताया कि सामने खड़ी ट्रेन रोकी नहीं गई, बल्कि वह यार्ड में खड़ी है।

अनिन्दया ने बताया कि पहले इस मस्जिद में सिर्फ रेलवे स्टाफ ही नमाज पढ़ते थे, लेकिन धीरे-धीरे आसपास के लोग भी यहां आने लगे। जब लोगों की संख्या बढ़ी, तो मस्जिद में जगह कम पड़ गई और लोग ट्रैक तक जाकर नमाज पढ़ने लगे।

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर ये तस्वीरें पहले भी वायरल हुई हैं, लेकिन अलग-अलग कहानियों के साथ। पांच महीने पहले ही इन तस्वीरें को लेकर दावा किया गया कि तमिलनाडु में ट्रेन को रोककर नमाज पढ़ने के चक्कर में कई बच्चे NEET की परीक्षा के लिए समय पर नहीं पहुंच सके। बेंगलुरु मिरर ने इस फर्जी दावे का खुलासा भी किया था।

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हमारी पड़ताल में ट्रेन रोककर रेलवे ट्रैक पर नमाज पढ़ने का दावा झूठा साबित हुआ है।

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