अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इसमें एक खंडहरनुमा इमारत के आसपास लोगों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या की बाबरी मस्जिद में आखिरी बार नमाज पढ़ी गई, ये तस्वीर उसी वक्त की है।
क्या है वायरल-
पाकिस्तानी यूजर मुहम्मद रिज्वान ने एक फेसबुक पेज पर दो तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा- ‘बाबरी मस्जिद में आखिरी बार नमाज पढ़ी गई’। इस पोस्ट पर लगभग 4400 लोगों ने रिएक्ट किया है।
वहीं, पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल की होस्ट ईरम अहमद खान नाम ने भी ट्विटर पर तस्वीर शेयर कर यही दावा किया है।
क्या है सच-
जब हम फेसबुक और ट्विटर दोनों पोस्टों पर यूजर्स के कमेंट पढ़ रहे थे, तो पाया कि कई लोगों ने इस तस्वीर को फेक बताया है। फिर हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा, तो हमें ये तस्वीर डेक्कन क्रोनिकल के बाबरी मस्जिद संबंधित एक आर्टिकल में मिली और इमेज क्रेडिड अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एपी यानि एसोसिएट प्रेस को दी गई थी।
पड़ताल जारी रखते हुए हमने एपी में इस तस्वीर की खोज शुरू की, तो हमें आखिरकार ये तस्वीर मिल ही गई। ये तस्वीर 9 दिसंबर 2008 को अपलोड की गई थी। डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर 9 दिसंबर 2008 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मस्जिद में बकरीद के दिन नमाज अदा करते लोगों की तस्वीर है। इस तस्वीर को गुरिंदर ओसन नाम के फोटोग्राफर ने खींचा था।
इसके बाद हमने इंटरनेट पर फिरोजशाह कोटला मस्जिद की तस्वीरें सर्च कीं, तो हमें ESPN का एक आर्टिकल मिला जिसमें इस मस्जिद की एक तस्वीर लगी थी। तस्वीर देखने पर पता चलता है कि फिरोजशाह कोटला मस्जिद का नवीनीकरण किया गया है। आप देख सकते हैं कि ESPN वाली तस्वीर में बीच की इमारत के बाहर जो सीढ़ियां हैं, वो ऊपर से बनी हुई हैं, जबकि सोशल मीडिया वाली तस्वीर में ऊपर की सीढ़ियां टूटी हुई हैं।
बाबरी मस्जिद में कब पढ़ी गई आखिरी नमाज?
सुप्रीम कोर्ट में जिरह के दौरान ये बात सामने आई कि बाबरी मस्जिद में आखिरी बार जुमे की नमाज 16 दिसंबर 1949 को पढ़ी गई थी। उन दिनों सिर्फ जुमे की नमाज के लिए शुक्रवार को मस्जिद खुलती थी। 22 और 23 दिसंबर, 1949 की दरमियानी रात को मस्जिद के भीतरी हिस्से में रामलला की मूर्तियां रखी गईं, जिसके बाद से नमाज बंद हो गई।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर अयोध्या की बाबरी मस्जिद की नहीं, बल्कि दिल्ली के फिरोजशाह कोटला की जामी मस्जिद का है।