Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

#webviral ब्रेस्टफीडिंग वीक की धूम, #Breastfeedindia का जमकर हुआ इस्तेमाल

Advertiesment
हमें फॉलो करें webviral
इस साल वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक की शुरूआत हुई ही है और सोशल मीडिया पर #Breastfeedindia के साथ विचार साझा करने की धूम शुरू हो चुकी है। यह वीक एक अगस्त से सात अगस्त तक मनाया जाएगा। सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात कहने और ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े तमाम मुद्दे उठाने में लोग बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। 


 

 
 
ब्रेस्टफीडिंग को लेकर हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बहस तब छिड़ी, जब ब्राजील की एक सांसद ने पार्लियामेंट में ही ब्रेस्टफीडिंग शुरू कर दी। इस पर मुख्य मुद्दा खुले में ब्रेस्टफीडिंग था, जिसके पक्ष और विपक्ष में तमाम तरह के विचार सामने आए। 
 
सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रेंड हो रहा यह मुद्दा एक नई सोच को भी जन्म दे रहा है। कुछ साल पहले तक ही यह माना जा रहा था कि ब्रेस्टफीडिंग का ट्रेंड नई माताओं की पसंद नहीं। नए जमाने की महिलाएं इसे उनके स्वास्थ्य और खूबसूरती के लिए बुरा मानकर इससे बचती थीं। 
 
इससे परे अब न सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग का शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होना बल्कि महिलाओं को कहीं भी ब्रेस्टफीडिंग की आजादी नया विचार बनकर उभरा है। इस विचार का जोरदार समर्थन सोशल मीडिया में हुआ है। 
 
ब्रेस्टफीडिंग के फायदों में लोग जन्म के तुरंत बाद इसके शिशु के पेट के लिए और इम्यूनिटी के फायदे गिना रहे हैं। 6 हफ्ते बीतने तक शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने से उसे एंटीबोडी नाम का प्रोटीन मिलने लगता है। तीन महिने के बाद, ब्रेस्टफीडिंग कराने से शिशु को कैलोरी मिलने लगती है जिससे विकास सुचारू होता है। 
 
6-महीने के शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने से ओमेगा एसिड की सप्लाय होती है। जिससे उसके दिमाग का विकास पूर्ण रूप से होता है। सालभर का होते होते, ब्रेस्टफीडिंग कराते रहने से शिशु को ओमेगा एसिड, एंडीबोडी प्रोटीन और कैलोरी मिलती है जिससे उसका संपूर्ण विकास होता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारतीय हॉकी खिलाड़ी खेलगांव में फर्नीचर की कमी से परेशान