कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी को बड़ी सफलता मिली है। अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में वित्तमंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व आईएएस अधिकारी यशवंत सिन्हा शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिन्हा कोलकाता में तृणमूल मुख्यालय पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। ऐसा माना जा रहा है कि टीएमसी उन्हें राज्यसभा में भेज सकती है। सिन्हा ने वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री का दायित्व भी निभाया था। इसके साथ ही यशवंत सिन्हा के पुत्र मनोज सिन्हा नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं।
हालांकि यशवंत सिन्हा बहुत समय से दलगत राजनीति से अलग थे। 2009 में उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। वे मोदी सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक भी रहे हैं।
बिहार के पटना में जन्मे और शिक्षित हुए सिन्हा ने 1958 में राजनीति शास्त्र में अपनी मास्टर्स डिग्री हासिल की तथा करीब 2 साल पटना विश्वविद्यालय में इसी विषय की शिक्षा भी दी। 1960 में सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और 24 साल तक विभिन्न पदों पर रहे। बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में भी वे 2 वर्षों तक अवर सचिव तथा उपसचिव भी रहे।
1971 से 1973 के बीच उन्होंने बॉन (जर्मनी) के भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (वाणिज्यिक) के रूप में कार्य किया था। इसके पश्चात उन्होंने 1973 से 1974 के बीच फ्रैंकफर्ट में भारत के कौंसुल जनरल के रूप में काम किया। 1980 से 1984 के बीच भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय में भी उन्होंने संयुक्त सचिव के रूप में काम किया।
सिन्हा ने 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और चद्रशेखर की जनता पार्टी से जुड़ गए। 1988 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया। 1989 में जनता दल के गठन के बाद उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया। उन्होंने चन्द्र शेखर के मंत्रिमंडल में नवंबर 1990 से जून 1991 तक वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया। झारखंड की हजारीबाग सीट से सांसद रहे सिन्हा 2004 यहीं से आश्चर्यजनक रूप से चुनाव हार गए।