कोलकाता। बंगाली फिल्मों के केंद्र टॉलीगंज में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अरूप बिस्वास के बीच लड़ाई ने इस विधानसभा सीट पर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। जाने-माने गायक सुप्रियो जहां केंद्र सरकार में मंत्री हैं, वहीं बिस्वास पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री हैं।
टॉलीगंज निर्वाचन क्षेत्र में 2016 में रनर-अप रही माकपा ने इस सीट से अभिनेता देवदूत घोष को अपने प्रत्याशी के रूप में उतारकर मुकाबले को और रोचक कर दिया है। इस सीट पर विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान होगा। टॉलीगंज में अनेक फिल्म स्टूडियो हैं।
बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है, जहां फिल्म उद्योग कई राजनीतिक विचारधाराओं में बंटा है। दक्षिणी कोलकाता स्थित इस सीट पर जीत के बिना यहां के फिल्म उद्योग पर नियंत्रण अधूरा माना जाता है, जहां हिन्दू-मुसलमान-सिख, उच्च मध्यम वर्ग, शरणार्थियों तथा हिन्दी भाषी लोगों की मिश्रित आबादी है।
आसनसोल से भाजपा के सांसद सुप्रियो को इस विधानसभा सीट पर अपनी जीत का भरोसा है। उन्होंने कहा, तृणमूल कांग्रेस और बिस्वास बंधुओं (अरूप और स्वरूप) ने फिल्म उद्योग में एक सिंडिकेट राज स्थापित कर दिया है। बंगाली फिल्म उद्योग के विकास के लिए इस सिंडिकेट राज का खात्मा आवश्यक है। भाजपा इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
वहीं माकपा उम्मीदवार देवदूत घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने फिल्म उद्योग में आतंक का शासन स्थापित किया है, लेकिन भाजपा को चुनना सही नहीं होगा, क्योंकि दोनों दल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अरूप बिस्वास ने हालांकि कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने फिल्म उद्योग के विकास के लिए काम किया है और पिछले 10 साल में वह इसे नई ऊंचाइयों पर ले गई है।(भाषा)