आसनसोल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं और दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने केंद्रीय बलों और सेना तक को बदनाम किया और राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाए।
यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया दो मई को पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें भूतपूर्व मुख्यमंत्री का प्रमाणपत्र देने वाली है।
केंद्र सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण सहित अन्य मुद्दों पर बुलाई गई बैठकों में ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि दीदी अपने अहंकार में इतनी बड़ी हो गई है की हर कोई उन्हें अपने आगे छोटा दिखता है।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने अनेक बार अनेक विषयों पर बात करने के लिए बैठकें बुलाई है लेकिन दीदी कोई न कोई कारण बताकर इन बैठकों में नहीं आती हैं। कोरोना वायरस को लेकर बुलाई गई पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आई।
उन्होंने कहा यही नहीं, नीति आयोग की संचालन परिषद और गंगा की सफाई के लिए बुलाई गई बैठकों में भी वह नहीं आईं।
उन्होंने कहा, एक दो बार ना आने तो समझ में आता है, लेकिन दीदी ने यही तरीका बना लिया है। दीदी बंगाल के लोगों के लिए कुछ देर का समय नहीं निकाल पाती हैं। यह उन्हें समय की बर्बादी लगता है।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्रीय दल जब जांच में सहयोग या फिर भ्रष्टाचार के मामलों के लिए राज्य में आते हैं तो उन्हें रोकने के लिए मुख्यमंत्री पूरा जोर लगा देती हैं जबकि अपने तोलाबाजों को कोरोना के दौरान भेजे गए राशन को लूटने की खुली छूट देती हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि दीदी, केंद्रीय वाहिनी ही नहीं, सेना तक को बदनाम करती हैं और राजनीति के लिए झूठे आरोप लगाती हैं। दीदी खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती हैं। उनकी आंखों पर अहंकार का पर्दा चढ़ा हुआ है।
मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित राजनीतिक हत्या के मामलों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की राजनीति सिर्फ विरोध और गतिरोध तक सीमित नहीं है बल्कि प्रतिशोध की खतरनाक सीमा को भी पार कर गई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कूचबिहार के सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच एक बातचीत का कथित ऑडियो क्लीप का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने उनपर लाशों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि दीदी, वोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप? सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा करने की सोची। शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है। (भाषा)