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व्हाट्स ऐप कॉर्नर : पढ़िए डेंगू मच्छरों के सरदार का इंटरव्यू ...

हमें फॉलो करें व्हाट्स ऐप कॉर्नर : पढ़िए डेंगू मच्छरों के सरदार का इंटरव्यू ...
खूब सारी चमचागिरी और तेल मालिश करने के बाद आख़िरकार हमने डेंगू मच्छरों,
के सरदार को इंटरव्यू देने के लिए राजी कर ही लिया। ये रहे मच्छर के साथ हमारे 
एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के प्रमुख बिंदु ... 
 
हम : आपका प्रकोप दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है? क्यों ? 
मच्छर : सही शब्द इस्तेमाल कीजिए, इसे प्रकोप नहीं फलना-फूलना कहते हैं। 
पर तुम इंसान लोग तो दूसरों को फलते-फूलते देख ही नहीं सकते।  आदत से 
मजबूर जो ठहरे... 
 
हम : हमें आपके फलने-फूलने से कोई ऐतराज़ नहीं है पर आपके काटने से लोग 
जान गंवा रहे हैं, जनता में भय व्याप्त हो गया है। 
 
मच्छर : हम सिर्फ अपना काम कर रहे हैं। श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि ‘कर्म
ही पूजा है’। अब विधाता ने तो हमें काटने के लिए ही बनाया है, हल में जोतने के 
लिए नहीं। जहां तक लोगों के जान गंवाने का प्रश्न है,  तो आपको मालूम होना चाहिए
कि “हानि-लाभ, जीवन-मरण,यश-अपयश विधि हाथ’ …  
                                                        अगले पेज पर डॉक्टरों और मच्छरों की पार्टनरशिप...
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हम : लोगों की जान पर बनी हुई है और आप हमें दार्शनिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। 
मच्छर : आप तस्वीर का सिर्फ एक पहलू देख रहे हैं। हमारी वजह से कई लोगों को 
लाभ भी होता है, ये शायद आपको पता नहीं।  जाइये इन दिनों किसी डॉक्टर, 
केमिस्ट या पैथोलॉजी लैब वाले के पास, उसे आपसे बात करने की फ़ुर्सत नहीं 
होगी अरे भैया, उनके बीवी-बच्चे हमारा ‘सीजन’ आने की राह देखते हैं,
ताकि उनकी साल भर से पेंडिंग पड़ी मांगे पूरी हो सकें। क्या समझे आप? हम 
देश की इकॉनोमी बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं, ये मत भूलिएगा। 
 
हम : परन्तु मर तो गरीब रहा है न, जो इलाज करवाने में सक्षम ही नहीं है। 
मच्छर : हां तो गरीब जी कर भी क्या करेगा? जिस गरीब को आप अपना 
घर तो छोड़ो, कॉलोनी तक में घुसने नहीं देना चाहते, उसके साथ किसी तरह 
का संपर्क नहीं रखना चाहते, उसके मरने पर तकलीफ होने का ढ़ोंग करना 
बंद कीजिए आप लोग। 
                                                                  अगले पेज पर दिल्ली में मच्छरों का जलवा... 
 
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हम : आपने दिल्ली में कुछ ज्यादा ही कहर बरपा रखा है?
मच्छर : देखिए हम पॉलिटिशियन नहीं हैं जो भेदभाव करें … हम सभी जगह 
अपना काम पूरी मेहनत और लगन से करते हैं। दिल्ली में हमारी अच्छी परफॉरमेंस
की वजह सिर्फ इतनी है कि यहां हमारे काम करने के लिए अनुकूल माहौल है। 
केंद्र और राज्य सरकार की आपसी जंग का भी हमें भरपूर फायदा मिला है।
 
हम : खैर, अब आखिर में आप ये बताइए कि आपके इस प्रकोप से बचने 
का उपाय क्या हैं?
मच्छर : उपाय तो है अगर कोई कर सके तो … लगातार सात शनिवार तक 
काले-सफ़ेद धब्बों वाले कुत्ते की पूंछ का बाल लेकर बबूल के पेड़ की जड़ में बकरी
 के दूध के साथ चढ़ाने से हम प्रसन्न हो जायेंगे और उस व्यक्ति को नहीं काटेंगे। 
 
हम : आप उपाय बता रहे हैं या अंधविश्वास फैला रहे हैं ?
मच्छर : दरअसल 
आम हिन्दुस्तानी लोग ऐसे ही उपायों के साथ कंफर्टेबल फील करते हैं।  
उन्हें विज्ञान 
से ज्यादा कृपा में यकीन होता है…. वैसे सही उपाय तो साफ़-सफाई रखना है, 
जो रोज ही टीवी चैनलों और अखबारों के जरिये बताया जाता है, पर उसे मानता कौन है ? 
अगर उसे मान लिया होता तो आज आपको मेरा इंटरव्यू लेने नहीं आना पड़ता ... 

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