आकर्षक व्यक्तित्व बने आपकी पहचान
कैसे पाएँ आकर्षक व्यक्तित्व
कई बार आप सजे-धजे होने के बावजूद किसी पर अपना प्रभाव नहीं जमा पाते और एक साधारण सा व्यक्ति आपको पीछे छोड़कर लोगों के दिलों पर राज कर जाता है। यह सच है कि किसी-किसी की पर्सनेलिटी में वह जादू होता है कि वह पलभर में ही सबको अपना बना लेता है। आप भी ऐसा आकर्षक व्यक्तित्व पा सकते है परंतु उसके लिए महँगे कपड़े या महँगी गाडि़याँ होना जरूरी नहीं है। उसके लिए तो आपकी चाल-ढाल और बातचीत का ढंग अच्छा होना चाहिए।कोई गोरा है तो लोग उससे अधिक प्रभावित होंगे। यदि आप ऐसा सोचते हैं तो यह गलत है। काला या गोरा रंग आकर्षक व्यक्तित्व का परिचायक नहीं है। आपका व्यक्तित्व तो आप स्वयं बनाते हैं। आपका पहनावा, चाल, खानपान व बातचीत का ढंग आदि आपका परिचायक बन आपके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है। |
स्मार्टनेस से किसी भी आदमी की पहचान होती है। स्मार्टनेस का मतलब है - सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता। कई लोगों को सोचने-समझने में बहुत वक्त लगता है। ऐसे लोग कई मामलों में पिछड़ जाते हैं। |
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चाल बताए दिल का हाल :- आपकी चाल आपके दिल का हाल बताती है। झुकी गर्दन, सुस्त चाल जहाँ आपके व्यक्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, वहीं सधी हुई चाल आप में गजब का आत्मविश्वास व उत्साह भर देती है। हल्के-फुल्के और तेजी से उठते कदम आपके खुशनुमा व्यक्तित्व के परिचायक होते हैं।
आप भी बन सकते हैं स्मार्ट :-
स्मार्टनेस से किसी भी आदमी की पहचान होती है। स्मार्टनेस का मतलब है - सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता। कई लोगों को सोचने-समझने में बहुत वक्त लगता है। ऐसे लोग कई मामलों में पिछड़ जाते हैं।
आज दुनिया तेजी से भाग रही है। अब वह वक्त नहीं रहा, जब हम घंटों बैठकर सबकी राय लेकर किसी भी निर्णय को लेते थे। कई बार हमारे समक्ष ऐसी स्थितियाँ निर्मित होती हैं, जब हमें त्वरित निर्णय लेने पड़ते हैं।
ऐसे में व्यक्ति में यह स्मार्टनेस चाहिए कि हमें इस वक्त क्या करना है। यदि हम सोचने में ही समय बर्बाद कर देंगे तो शायद हम कभी आगे नहीं बढ़ पाएँगे।
कैसे पाएँ आकर्षक व्यक्तित्व :-
* आपके कपड़े हमेशा साफ-सुथरे होना चाहिए। तड़कीले-भड़कीले या मैले कपड़े न पहनें।
* आपकी वाणी में मिठास व व्यवहार में शिष्टाचार होना चाहिए।
* कंधे या गर्दन झुकाकर नहीं चलें।
* स्टाइलिश दिखने के चक्कर में ज्यादा हाई हील न पहनें।
* चलते समय आगे-पीछे मुड़कर न देखें।
* हमेशा प्रसन्नचित्त मुद्रा में रहें।