शादी एक ऐसा समारोह है, जिसमें दुल्हा-दुल्हन तो सजते ही हैं पर उनसे भी ज्यादा सजते व उत्साहित रहते हैं बाराती। जिनके कपड़े, गहने, जूते-चप्पल सब कुछ फैशनेबल होते हैं।
संगीत की धुन पर नाचते-गाते इन युवक-युवतियों का जोश व उत्साह देखते ही बनता है। अपने यार की शादी में इनकी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहता। इस बहाने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती का बहाना जो मिल जाता है।
दीपावली के आसपास शादियों का सीज़न शुरू हो जाता है। इसी के साथ ही शॉपिंग की लंबी लिस्ट तैयार होती है दुल्हा-दुल्हन के दोस्तों की। हर शादी में एक 'नया परिधान और उस पर नवाबी शान'। यही सोच रहती है आजकल के युवाओं की।
शादियों में आजकल हर मेहँदी, हल्दी, संगीत आदि सभी कार्यक्रम व्यापक स्तर पर होते हैं। जिनमें दूल्हा-दुल्हन के दोस्त और सभी रिश्तेदार श़रीक होते हैं। यह वे मौके होते हैं जब सजने-सँवरने के बहाने मिल जाते हैं।
इन समारोहों के लिए विशेष तौर पर डिजाइनर्स ऑरेंज, रेड, ब्लू, ग्रीन आदि कलर्स का चयन अपने ड्रेस कलेक्शन के लिए करते हैं। इन पर महँगी गोल्डन-सिल्वर कढ़ाई, क्रिस्टल्स, गोटा आदि इन परिधानों को हेवी लुक प्रदान करते हैं।
पारंपरिक साड़ी, लहँगा-चुन्नी, कुर्ता-पयजामा के साथ-साथ ज्वैलरी भी हेवी पहनी जाती है। अब गए वो जमाने, जब गोल्ड व सिल्वर की पारंपरिक ज्वैलरी पहनी जाती थी।
आजकल तो कुंदन, डायमंड व स्टोन की ज्वैलरी का है। इसी के साथ ही व्हाइट गोल्ड व प्लेटिनम ज्वैलरी भी खासी पसंद की जा रही है।
इन सजे धजे युवक-युवतियों को देखकर लगता है कि दूल्हा-दुल्हन के साथ-साथ ये भी यहाँ अपने जीवन की डोर बाँधने आए हैं। इनकी नजरें भी बार-बार किसी को तलाशती हैं।
यह सच भी है। जब तक शादियों में थोड़ी-बहुत छेड़खानी व शरारतें न हों तो फिर क्या मजा शादी में शरीक होने का? शादी की शान ही दूल्हा-दुल्हन के दोस्त होते हैं, जो इन समारोहों का पूरा-पूरा लुत्फ उठाते हैं।