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कुड़ियों का है जमाना

बाजार का रुख महिलाओं की ओर

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हमें फॉलो करें कुड़ियों का जमाना

गायत्री शर्मा

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कहते हैं महिलाओं में वो कला होती है जिससे वह हर किसी का दिल जीत लेती हैं। महिलाओं की इसी खूबी को जानकर बाजार ने भी इन्हें सलाम करते हुए अपना रूख बदल दिया है।

आज का दौर महिलाओं का है। परिवार हो या नौकरी, विज्ञापन हो या अभिनय, हर ज़गह इन्हीं का बोलबाला है।

मल्हम, तेल व सर्फ-साबुन आदि के विज्ञापनों में आने वाली महिलाएँ कल तक पुरूष ग्राहकों को प्रोडक्ट खरीदने के लिए रिझाती थी।

अब समय बदल गया है। आज महिलाएँ विज्ञापनों की केवल मॉडल ही नहीं बल्कि 'टारगेट ऑडिएंस' भी है। जिनको संबोधित करते हुए आजकल विज्ञापन बनाए जा रहे हैं।

* महिलाओं का बढ़ा है वर्चस्व :-
शिक्षा व रोजगार के बढ़ते अवसरों के कारण आज महिलाओं की स्थिति में पहले से अधिक सुधार आया है। जहाँ एक और कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ी है। वहीं दूसरी और समाज व परिवार में महिलाओं की पूछ परख भी बढ़ी है।

कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं की दिनचर्या में भी बदलाव आया है। जिससे उनका शारीरिक व मानसिक तनाव भी बढ़ा है।

महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर अब खास तौर पर कंपनियाँ 'महिला हेल्थ केयर' के कई प्रोडक्ट बाजार में ला रही हैं। जिनमें महिलाओं के लिए हेल्थ व फिटनेस ड्रिंक आदि प्रमुख हैं।

* स्मार्ट खरीददार :-
आज महिलाएँ एक 'स्मार्ट खरीददार' के रूप में भी सामने आई हैं। महिलाएँ अपने परिवार के सदस्यों की जरूरतों को भी बखूबी जानती हैं इसलिए वह सभी की जरूरतों का सामान भी अच्छी तरह से खरीद सकती हैं। मार्केट भी महिलाओं को अब 'प्रेशर वूमेन' के रूप में स्वीकार कर रहा है।

कल तक साबुन व सर्फ खरीदने वाली महिलाएँ आज टी.वी., लैपटॉप व फ्रीज आदि खरीद रही हैं। घर का कोई भी छोटा-बड़ा सामान खरीदना हो। सभी में आज महिलाओं की राय अहम मानी जा रही है।

* कुछ तो बात है इनमें :-
महिलाएँ भारत की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत महिलाएँ हैं। ऐसे में महिलाओं को नजरअंदाज करना मार्केट के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है।

अत: महिलाओं को ग्राहक बनाने का असर भी आधे से अधिक आबादी पर होता है। तो इस फायदे के सौदे को बाजार पंडित कैसे छोड़ सकते थे? बाजार की नब्ज़ को पहचानते हुए उन्होंने महिलाओं की ओर ही अपना रूख किया।

महिलाओं में कुछ तो अलग बात है। कल तक पुरूषों को आकर्षित करने वाले हर विज्ञापनों (वी.आई.पी. अंडरगारमेंट, आफ्टर शेव लोशन, लक्स कोट्स वूल आदि) में महिलाओं को शामिल किया जाता था। आज लोगों की सोच बदली है।

अब विज्ञापनों के प्रोडक्ट महिलाओं के लिए है। आज विज्ञापनों में मॉडल के रूप में काम करने वाली सेलिब्रिटी के साथ-साथ आम महिला भी है। एमटीएनएल, हेड एंड शोल्डर, च्यवनप्राश, कुरकुरे आदि सभी प्रोडक्ट के विज्ञापनों में महिलाएँ काम कर रही हैं।

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