आप खुद से क्या पूरी तरह खुश हैं? आप क्या अकेले में सोचते हैं कि उस वक्त मुझे ऐसा होना चाहिए थी। अगली बार से मैं चीजों को ऐसे हैंडल करूंगा। आप अपने आप को कैसा देखना चाहते हैं खुश, सफल, जानकारी से भरे हुए, हर काम में बेहतर?
अपने आप को अपनी इच्छा के अनुसार पाने के लिए आपको करने होंगे कुछ छोटे मोटे बदलाव। अपने बेहतर मैं को पाने के लिए आप एक समय निश्चित करें। आप के पास भी दिन में उतने ही घंटे हैं जितने मार्क जुकरबर्ग के पास होते हैं। इनका बेहतर इस्तेमाल करें। इन 15 तरीकों पर गौर जरूर करें।
1. कभी नाम न भूलें - आप किसी पर इंप्रेशन बनाना चाहते हैं तो उनका नाम याद रखें। अगली मुलाकात में उन्हें उनके नाम से बुलाएं। दूसरे के नाम भूल जाने से आपको कम होशियार या घमंडी या खुद में ही रहने वाला समझा जा सकता है। नाम याद रखने के लिए एक आसान रास्ता है कि जब कोई अपना नाम बताए उनके नाम को उनके सामने ही दोहरा दें या किसी और के सामने उनका जिक्र करे और उस नाम को फिर से बोलें।
2. टालने की आदत छोड़ें - चीजों को तुरंत करें। ऐसा कोई भी काम जिसे करने में दो मिनिट का समय लगता है उसे तुरंत निपटा दें। यह किसी भी तरह का काम हो सकता है। आपको पता है आपको कौन सा काम पहले करना है। कपड़े धोने से लेकर किसी ईमेल का रिप्लाय करने जैसा कोई भी काम निपटा दें। मंत्र यह है कि कोई भी काम शुरू करने पर ही खत्म हो सकता है।
3. क्रिएटिव बनें - क्रिएटिव बनने से आशय है कि कुछ नया करें। यह कोई भाषा सीखना हो सकता है, किसी किताब की शुरूआत या कोई स्पोर्ट्स को भी अपनाना हो सकता है।
4. सुबह उठना शुरू करें - अगर आपकी नींद एक कप काफी पीने के बाद खुलती है तो आप लोगों को कम पसंद आएंगे। ऐसे लोग जो जल्दी जागते हैं आशावादी और एक्टिव होते हैं। जल्दी जागने से उनके पास लगभग हर काम को निपटाने के लिए समय होता है।
5. अधिक भाषाओं पर पकड़ बनाएं - दुनिया तेजी से ग्लोबल हो रही है। विभिन्न देशों के लोगों के बीच दूरियां तेजी से घट रही हैं। ऐसे में उनके साथ बातचीत और विचारों का आदान प्रदान बेहद जरूरी हो जाता है। जाहिर तौर पर कोई भी एक इंसान सभी भाषाएं नहीं बोल सकता परंतु आप अपनी मातृभाषा के अलावा ऐसी भाषा को सीख सकते हैं जो सबसे अधिक प्रचलित है जैसे कि अंग्रेजी।
6. अपने पोश्चर को सुधारें - ऐसी महिलाएं जो आत्मविश्वास से भारी लगती हैं उनके बैठने और खड़े होने के तरीके में कुछ खासियत होती है। अगर आप सही ढंग से खड़े होते और बैठते हैं तो आप पतले भी नजर आ सकते हैं।
7. नई जगह घुमने जाएं - अधिक जगह विजिट किया हुआ इंसान अधिक अनुभवी हो जाता है। उनके पास कई ऐसी जानकारी होती हैं जो लोग सुनना चाहते हैं।
8. आर्थिक समस्या न आने दें - अगर आप किसी ग्रुप में शामिल हो रहे हैं तो अपना हिस्सा देना सीखें। आपके उपर बार बार खर्च करना किसी को पसंद नहीं। चाहे डिनर हो या कैब अपना हिस्सा देना सीखें।
अगले पेज पर कैसा लोग आपके आसपास होने से अच्छा महसूस करेंगे....
9. फ़ोटोजैनिक बनें - क्या आप फोटो में असहज महसूस करते हैं। आपकी आंखें बंद हो जाती हैं या एक्सप्रेशन बिगड़ जाते हैं। या आप कैमरे की तरफ देखने से कतराते हैं। इन समस्याओं को दूर करें। फोटो में भी उतना ही अच्छा दिखने की कोशिश करें जितना आप असलियत में दिखते हैं।
10. लोगों को अच्छा महसूस कराएं - आपकी मम्मी ने आपको हमेशा प्लीज़ और थैंक्यू कहना सिखाया है। आपकी अच्छी भाषा और उसका अच्छा इस्तेमाल आपको लोगों का चहेता बना देगा।
11. लोगों के बीच बोलने में कतराएं, घबराएं नहीं - आप घर में, बाहर, दोस्तों से हर जगह अच्छे से बात करते हैं परंतु जैसे ही मौका होता है पब्लिक स्पीकिंग का, आपके हाथ पैर फूलने लगते हैं। अपने विचारों में परिवर्तन लाएं। लोगों के बीच बोलने को मामूली बात समझे। खुद पर भरोसा करना सीखें और खुलकर अपनी बात रखें।
12. करंट इवेंट्स की जानकारी रखें - आपके आसपास, देश दुनिया में क्या चल रहा है आपको पता होना चाहिए। इससे आप लोगों के बीच आसानी से मिक्स अप हो पाएंगे। कहीं करंट इवेंट्स पर बात चल रही है और आपके पास कहने के लिए बहुत कुछ है। लोग आपको भी सुनना पसंद करेंगे।
13. हैंडशेक करना सीखें - हैंडशेक करना सभी जानते हैं परंतु क्या आप सही तरीके से हैंडशेक करते हैं। हाथ की ग्रिप कैसी है आपके कांफिडेंस पर निर्भर करता है। हैंडशेक करते समय नजर हाथों पर नहीं, सामने वाले की आंखों पर होनी चाहिए।
14. लेट होने की आदत बदल दें - अगर आप कहीं भी लेट पहुंचना स्मार्टनेस समझते हैं तो जान लीजिए आपका व्यवहार रूड माना जा रहा है। कहीं भी टाइम फिक्स करने के बाद आप सामने वाले को इंतजार करवा रहे हैं। कभी कभी कुछ परिस्थितियों में आपका लेट आना सामने वाले को चिढ पैदा न करें अगर आपका कारण विश्वसनीय हो। आपका लेट होना दूसरों को बिल्कुल नागवार गुजरता है।
15. अपनी बात ऐसे कहें कि आपको पता है आप क्या बोल रहे हैं - हम हर चीज़ के ज्ञाता नहीं बन सकते इसलिए अगर आपको नहीं पता तो न बोलें। जब भी आप बोल रहे हैं आपको चीज की जानकारी होना जरूरी है। आपको पता होना चाहिए कि आप क्या बोल रहे हैं।