पिछले कई सालों से अमीर बिगड़ैल युवाओं के बीच होने वाली रेव पार्टियों के चर्चे आए दिन अखबारों और चैनलों पर दिखाई पड़ते रहते हैं। बड़े शहरों से लेकर विकसित होते शहरों में भी शराब, शबाब और मदमस्त हसीनाओं से भरी यह पार्टियां अपनी जगह बना चुकी हैं।
गोवा में 1960-70 के दशक में हिप्पियों द्वारा शुरू की गई इन रेव पार्टियों में शराब, ड्रग्स, म्यूजिक, नाच गाना और सेक्स का कॉकटेल होता है। ये पार्टियां बड़े गुपचुप तरीके से आयोजित की जाती हैं और इसमें वे ही लोग शरीक होते हैं, जहां इन्हें बुलाया जाता है। रेव पार्टी के बारे में वे 'सर्किट' के बाहर के लोगों को जरा भी भनक नहीं लगने देते। गोआ में इसे 'गोआ-ट्रांस' के नाम से जानते है जहां पूरी रात संगीत चलता है। गोआ की रेव पार्टियां पूरी दुनिया के पर्यटकों में मशहूर हैं।
महानगरों जैसे मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु के अलावा प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट पुणे, खंडाला, पुष्कर और गोवा के आसपास के इलाके इन पार्टीबाजों के मनपसंद स्थान हैं। नशे के घालमेल ने रेव पार्टी का उसूल बदल दिया है। पहले यह खुले में होता था अब छिपकर होने लगा है। नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए ये रेव पार्टियां धंधे की सबसे मुफीद जगह बन गई हैं। आमतौर पर इन पार्टियों में अमीरजादे, मॉड्ल्स, विदेशी लड़कियां और बी क्लास सेलिब्रिटी शामिल होते हैं।
युवाओं में अब जिस रेव पार्टी का चलन शुरू हुआ है वहां संगीत सिर्फ कहने के लिए होता है। उस संगीत की धुन में युवा न सिर्फ शराब पीते हैं बल्कि नशीले पदार्थ भी लेते नजर आते हैं। शाम होती है तो शहर के युवा एक कमरे में इकट्ठे होते है और फिर शुरू होता है संगीत। युवक-युवतियां सिगरेट-शराब के साथ-साथ कोकीन, हेरोइन और तेज असर वाले मादक पदार्थों का सेवन करते नजर आते हैं, और नशे में झूमते हुए।
दम मारो दम की तर्ज पर रेव पार्टियों में दिलचस्पी बनाए रखने के लिए बाकायदा पैड मॉडल्स को बुलाते हैं। इन लड़कियों को कुछ घंटों के लिए हजारों रुपए ऑफर किए जाते हैं। टूरिस्ट डेस्टिनेशंस पर तो विदेशी लड़कियों को इन पार्टियों में शरीक होने के लिए फ्री इंविटेशन दिए जाते हैं।
शराब, सिगरेट के अलावा यहां प्रतिबंधित ड्रग्स भी धड़ल्ले से उपयोग किए जाते हैं। जो दो गैरकानूनी ड्रग्स, सबसे फेवरेट और डिमांड वाले ड्रग्स है, वह हैं एसिड और इक्सटैसी। इसे लेने के बाद युवा लगातार 8 घंटे तक डांस कर सकते हैं। ये ड्रग्स उनमें लगातार नाचने का जुनून पैदा करते हैं, और अनैतिक काम करने का भी।
धुंए और कानफोडू म्यूजिक वाली इन पार्टियों में एक ही रूल होता है कि यहां कोई रूल नहीं होता। नैतिकता, मर्यादा जैसे शब्दों से कोसों दूर इन रेव पार्टियों में युवा सिर्फ अनैतिक कृत्यों और नशे के लिए शामिल होते हैं।
रेव पार्टियों को आकर्षक बनाने के लिए अलग-अलग तरीके भी इस्तेमाल किए जाते हैं। मसलन मादक रेन डांस, पार्टनर स्वेपिंग आदि थीम पर आधारित इन पार्टियों में अकसर युवा अपने होश खो देते हैं और बेहद आसानी से बहक जाते हैं।
कहा जाता है कि तुरंत एनर्जी वाली ड्रिंक्स के साथ में नशीले पदार्थो का सेवन करना युवक-युवतियों द्वारा आम बात है। यही नहीं, इन रेव पार्टियों में धोखे से लड़कियों को डेट रेप ड्रग देकर उनके साथ गलत हरकतों को भी अंजाम दे दिया जाता है, जिसके बाद अश्लील एमएमएस बनाकर बाजार में बेचना तथा उसके द्वारा ब्लेकमेल करना भी इस तरह पार्टियों के 'साइड इफेक्ट' हैं।