(आखिर क्यों 8 मार्च को ही मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस)
आठ मार्च को पूरी दुनिया में महिला दिवस मनाया जाएगा। धीरे धीरे यह दिन महिलाओं के लिए एक उत्सव में बदलता जा रहा है।
क्या आपको पता है कि इस दिन का इतिहास क्या है और कैसे इसकी शुरुआत हुई थी। आइए जानते हैं।
माना जाता है कि 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी। महिलाओं ने अपनी हड़ताल के दौरान अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी किया था।
इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को उसका पद छोड़ना पड़ा था और अंत में महिलाओं को मतदान का अधिकार भी दिया गया था। रूसी महिलाओं द्वारा यह विरोध 28 फरवरी को किया गया था। वहीं यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां की थीं। इसके बाद से ही 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरुआत हुई?
इंटरनेशनल विमेंस डे की शुरुआत को लेकर भी कई सवाव किए जाते हैं तो आपको बता दें कि 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई थी।
दरअसल, न्यूयॉर्क में कई सारी महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी के घंटे कम करने और वेतन बढ़ाने की मांग की थी। महिलाओं को उनके आंदोलन में सफलता मिली और इसके एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया था, बस इसके बाद से ही यह दिन मनाया जाने लगा।