Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कविता : नारी तू नारायणी

हमें फॉलो करें कविता : नारी तू नारायणी
, बुधवार, 8 मार्च 2017 (14:28 IST)
पुष्पा परजिया 
नारी तू नारायणी 
चलता तुझसे ही संसार है 
है नाजुक और सुंदर तू कितनी 
तुझमें ओजस्विता और सहजता का श्रृंगार है 
 
जो हर मुश्किल को सहज बना दे 
जो हर इंसा की हिम्मत और शक्ति 
तू प्यार की एक डोर है जो 
बांध रखे परिवार है 
जो धर्म और मर्यादा को संचित करे 
जो असहाय कष्ट सहकर 
देती दुनिया को एक जीव का उपहार है 
 
तू प्यार है, ऐतबार है... 
तू इस जगत का आधार है 
बिन तेरे जहान है सूना 
और तन्हा तू नारी 
नारायणी तू ही जगत का आधार है  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महिला दिवस कविता : मेरी लेखनी