Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महिला दिवस कविता : स्त्री ने छोड़ी अपनी चाल

हमें फॉलो करें महिला दिवस कविता : स्त्री ने छोड़ी अपनी चाल
सुनीता जैन
स्त्री ने छोड़ी अपनी चाल 
हंसिनी की मंद मंद गति 
उसने छोड़ी अपनी शैया 
घर की चार दीवारी 
अब वह तेज सड़क पर थी 
बसों में धंसी हुई 
उसके हाथ चूड़ियों से नहीं 
बज रहे थे किबोर्ड पर 
कम्प्यूटर के 
उसके माथे पर नहीं थी 
एक बिंदी अलसाई सी 
स्त्री बेचारी क्या करती 
जिसके पीछे-पीछे आई थी वह 
वह आगे-आगे था ही नहीं 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

परमाणु वैज्ञानिकों ने खोजीं कैंसर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं