लड़कियों की जिंदगी को मोए-मोए कर रही रील्स की लत! इंस्टा पर रोज साढ़े 9 करोड़ शेयरिंग, एक दिन में 100 मिनट बर्बाद
सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर! इन कामों को करने लिए क्यों मजबूर हैं महिलाएं
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दुनिया में 3.6 बिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर हैं।
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इंस्टाग्राम के सबसे ज्यादा यूजर भारत में मौजूद हैं।
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काइली जेनर जैसी बॉडी के लिए लड़कियों का पागलपन।
Social Media Impact : इंस्टाग्राम पर हर दिन 9 करोड़ 50 लाख वीडियो और फोटो अपलोड किए जाते हैं! अगर एवरेज निकाला जाए तो प्रत्येक व्यक्ति एक दिन में ऑनलाइन वीडियो कंटेंट पर 100 मिनट गुजारता है। ये औसतन की बात हो रही है न कि उन लोगों की जो मोए-मोए से लेकर इल्विश भाई तक के सभी फालतू ट्रेंड को फॉलो करते हैं। न ही हम उन महिलाओं की बात कर रहे हैं जो वायरल वीडियो के पागलपन में अपनी देह का तमाशा कर रही हैं।
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रील्स लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की जिंदगी को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। महिला दिवस पर यह समझने की जरूरत है एक पुरुष की अपेक्षा महिलाओं की जिंदगी ज्यादा कठिन होती है। रील्स उनकी रियल लाइफ को बर्बाद करने में समक्ष है।
रील्स न होती तो इंस्टाग्राम पर 24% कम समय बिताते!
इसके अलावा दुनिया में 3.6 बिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। इन यूजर में लगभग 91% लोग वीडियो कंटेंट देखना ज्यादा पसंद करते हैं। सोशल पायलट की रिपोर्ट के अनुसार अगर रील्स न होती तो लोग इंस्टाग्राम पर 24% कम समय बिताते! इस एप के सबसे ज्यादा यूजर भारत में मौजूद हैं जिनकी संख्या 229 मिलियन से अधिक है।
हालांकि इसमें एंजेल प्रिया जैसे नाम और अलिया भट्ट की डीपी लगाने वाले फेक अकाउंट भी शमिल हैं। इन आंकड़ों में ऐसे अकाउंट भी शामिल हैं जो अपने फोलोअर बढ़ाने के लिए 'Service Available' जैसे घटिया कमेंट करते हैं। ये सर्विस टूटे नल की नहीं बल्कि टूटे दिल की होती है जिसमें महिलाएं, पुरुषों से Sexting करके अच्छा खासा कमा लेती हैं।
फनी और एंटरटेनमेंट वीडियो ज्यादा वायरल:
Statista 2023 की रिपोर्ट के अनुसार इंस्टाग्राम पर 51% से ज्यादा पुरुष और 48% से ज्यादा महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 64% लोग फनी और एंटरटेनमेंट वाली वीडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं। सोशल मीडिया पर इतना कंटेंट होने के बाद भी लोग वल्गर और हसीनाओं की दीवानगी पर फ़िदा हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनफार्मेशन मैनेजमेंट की रिसर्च के अनुसार काइली जेनर जैसी परफेक्ट बॉडी के लिए टीनएज लड़कियां डाइटिंग शुरू कर देती हैं और बॉडी शेम का शिकार होने लगती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि दुनियाभर में 10-20% बच्चे और किशोर, सोशल मीडिया के कारण मेंटल हेल्थ की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
1 ठुमके पर 1 मिलियन व्यू:
इन आंकड़ों के अनुसार इंस्टाग्राम पर पुरुषों की संख्या अधिक है इसलिए इस एप पर हसीनाओं की ठुमके ज्यादा फेमस हैं। महिलाओं के सिर्फ एक ठुमके से 10 मिनट में मिलियन व्यू आ जाते हैं। अगर इन ठुमकों के साथ एकता कपूर के सीरियल की नौटंकी की तरह पल्लू भी सरका दिया जाए तो व्यूज के साथ अच्छे खासे लाइक्स भी मिल जाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि महिलाएं अपनी देह का तमाशा सिर्फ पुरुषों के लिए कर रही हैं या इसकी कोई और वजह है?
इस पूरे मसले को जानने और समझने के लिए वेबदुनिया ने साइकाइट्रिस्ट डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी से बात की और जानना चाहा कि किस तरह से सोशल मीडिया में वायरल होने और रील्स बनाने की होड में युवा इस पूरे जाल का शिकर होते जा रहे हैं।
इन राज्यों में सेक्स एजुकेशन की कमी:
डॉ सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि भारतीय समाज में सेक्स एजुकेशन की कमी इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है। Sage Journal की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सेक्स एजुकेशन की बहुत कमी है। भारतीय स्कूलों में भी इस विषय को वैज्ञानिक तौर से नहीं पढ़ाया जाता है।
इसके अलावा घरों में भी इसकी चर्चा नहीं की जाती है। इस कारण से टीनएज इन सबका एक्सपोज़र करने के लिए विभिन्न वेबसाइट और सोशल मीडिया एप का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ये वेबसाइट सेक्स एजुकेशन को बहुत अलग ढंग से दर्शाती हैं जिससे वेबसाइट पर क्लिक बढ़ें और वीडियो की रीच बढ़े।
ये पैसा बोलता है:
आज के समय में सेलेब्रिटी भी ऐसा करते हैं जिससे यह सामान्य लगने लगता है। साथ ही हर चीज़ को मोनेटाइज कर दिया गया है जिससे लोगों को लगता है कि तुरंत किसी भी तरह से वायरल हो कर हमें पैसे मिलने लगें। हर चीज़ में बाजारवाद है और लोगों को पैसे देकर विज्ञापन करवाया जाता है।
क्यों हो रही Service Available वाली बातें?
सेक्स एजुकेशन की कमी के कारण बच्चों के दिमाग में इनका वास्तविक रूप को छोड़कर गेर वास्तविक विकार दिमाग में जाता है। ऐसे में प्रॉब्लम बढ़ती है और योनाचार की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस कारण से फोटो शेयरिंग एब्यूज भी लड़कियों में बहुत अधिक बढ़ता चला जाता है।
सोशल मीडिया का पागलपन कैसे कम करें?
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इन सब चीज़ों को कंट्रोल करने का तरीका है कि हमें पता होना चाहिए कि हमारी प्राथमिकता क्या हैं। हालांकि जिसकी रोजी रोटी सोशल मीडिया से चल रही है वो इसे नहीं छोड़ेगा लेकिन आपको अपनी प्राथमिकता पर ध्यान देना चाहिए।
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सोशल मीडिया की लत को कम करने के लिए छोटी स्क्रीन का उपयोग कम करें। youtube या netflix टीवी पर देखें। ऐसा इसलिए क्योंकि जितनी हैंडी चीज़ें होंगी हम उसका उपयोग उतनी ही आसानी से कर सकते हैं और लत लग सकती है।
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इसके अलावा अपने समय को स्क्रीन पर सीमित करें और कम से कम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। आप रियल वर्ल्ड में लोगों से जा कर मिलें और बातचीत करें जिससे सोशल मीडिया का प्रभाव कम होगा।
आज के समय में रील और शॉर्ट वीडियो का ट्रेंड इतना अधिक बढ़ गया है कि वायरल करने के लिए लोग कई तरह के अजीब हरकतें करते हैं। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम महिलाओं की सिर्फ उपलब्धियां गिनते रह जाते हैं लेकिन सोशल मीडिया का यह काला सच सबके सामने आना ज़रूरी है।