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कौन बनेगा मैन ऑफ द टूर्नामेंट?

- वेबदुनिया डेस्क

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, शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011 (17:56 IST)
विश्वकप फाइनल में भारत और श्रीलंका के बीच मुकाबला तो कड़ा होगा ही, लेकिन दोनों टीमों के स्टार परफार्मर क्रिकेट के इस महाकुंभ में अपने प्रदर्शन की धार दिखाकर मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनना चाहेंगे। आइए देखते हैं कि कौन से खिलाड़ी मैन ऑफ द टूर्नामेंट हो सकते हैं।

युवराजसिंह- 8 मैचों में 25.23 की औसत से 13 विकेट और 85.25 की औसत से 341 रन बनाने वाले युवराजसिंह मैन ऑफ द टूर्नामेंट के प्रबल दावेदार है। अगर फाइनल में वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें यह सम्मान मिल सकता है। वे इस स्पर्धा में चार बार मैन ऑफ द मैच बन चुके हैं।

तिलकरत्ने दिलशान- विश्वकप के सबसे सफल बल्लेबाज दिलशान के पास अपनी टीम के लिए यादगार प्रदर्शन करके मैन ऑफ टूर्नामेंट बनने का सुनहरी अवसर है दिलशान अब तक 8 मैचों में 66.71 की औसत से 467 रन बना चुके हैं। इस टूर्नामेंट में उपुल थरंगा के साथ उन्होंने लंबी साझेदारियाँ निभाई हैं।

सचिन तेंडुलकर - सचिन ने 8 मैचों में 58 की औसत से 464 रन बनाए हैं। रन बनाने के मामले में वे तिलकरत्ने से ठीक पीछे हैं। सचिन अगर फाइनल में दमदार पारी खेलते हैं तो मैन ऑफ द टूर्नामेंट बन सकते हैं।

कुमार संगकारा - आठ मैचों की सात पारियों में 417 रन बना चुके श्रीलंकाई कप्तान मैन ऑफ टूर्नामेंट के प्रबल दावेदार हैं क्योंकि उनकी प्रति मैच औसत 104.25 है जो कि सबसे अधिक है। संगकारा का बल्ला फाइनल में रन उगलता है तो वे अन्य खिलाड़ियों की अपेक्षा दौड़ में आगे निकल जाएँगे।

ज़हीर खान - हालाँकि विकेट लेने के मामले में शाहिद अफरीदी (आठ मैचों 12.85 की औसत से 21 विकेट) सबसे ऊपर हैं, लेकिन भारत के लीड बॉलर जहीर खान आठ मैचों में 19 विकेट लेकर थोड़ा ही पीछे हैं। जहीर ने पूरे टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन में निरंतरता दिखाई है। गेंदबाजों को तरजीह मिलने पर जहीर मैन ऑफ द टूर्नामेंट बन सकते हैं।

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