मात्र आठ दिन पहले वेस्टइंडीज के हाथों नौ विकेट से शर्मनाक हार झेलकर देशवासियों का कोपभाजन बनी बांग्लादेशी टीम ने जैसे ही इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार को यहाँ खेले गए ग्रुप ए मैच में अप्रत्याशित जीत दर्ज की, वैसे ही बांग्लादेश में हजारों क्रिकेटप्रेमी जश्न में डूब गए।
बांग्लादेश को ढाका में वेस्टइंडीज के खिलाफ शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। विंडीज टीम ने बांग्लादेश की पूरी पारी को उसके वनडे के सबसे न्यूनतम स्कोर 58 रन पर समेट कर नौ विकेट से जीत दर्ज की थी जिसके बाद बांग्लादेशी क्रिकेट प्रेमियों का गुस्सा भड़क गया था और उन्होंने बांग्लादेश टीम के धोखे में वेस्टइंडीज टीम के खिलाड़ियों को ले जा रही बस पर पथराव किया था।
क्रिकेटप्रेमियों के गुस्से को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। लेकिन वेस्टइंडीज के हाथों मिली हार की कडवी यादें इंग्लैंड के खिलाफ दो विकेट से मिली जीत के बाद धुल गईं और क्रिकेटप्रेमियों का गुस्सा एकदम काफूर हो गया।
कुछ दिनों पहले कप्तान शाकिब अल हसन को क्रिकेटप्रेमियों के गुस्से से बचाने में लगे सुरक्षाकर्मी इंग्लैंड को हराने के बाद कप्तान को गले लगाने के लिए उमड़े दर्शकों से बचाने में लग गए। जैसे ही शाकिब ने विजयी चौका लगाया 18000 दर्शकों से भरा जहूर अहमद स्टेडियम जश्न में खो गया। इस मैच की शुरुआत में किसी ने भी बंगलादेश की जीत की कल्पना नहीं की थी।
साँसों को रोक देने वाले मैच में जैसे ही बांग्लादेश ने जीत दर्ज की प्रेस बाक्स में मौजूद बांग्लादेशी पत्रकारों और सुरक्षाकर्मियों ने एक दूसरे को गले लगा दिया। पूरा स्टेडियम ड्रम और वुवुजेला की आवाजों से गूँज उठा। कई पुलिसकर्मी और दर्शक खुशी में नाचने तक लगे। अपने घरों में टीवी पर मैच देख रहे लोग गलियों में निकल आए। बांग्लादेश की यह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे इतिहास में यह दूसरी जीत है।
केन्याई टीम का विश्वकप का सफर बेहद खौफनाक रहा है जिसे वह कतई याद नहीं करना चाहेगी। जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने एक भी मैच नहीं हारा है वहीं केन्या ने एक भी मैच नहीं जीता है। टीम को न्यूजीलैंड के हाथों 10 विकेट, पाकिस्तान के हाथों 205 रन, श्रीलंका के हाथों नौ विकेट और कनाडा के हाथों पाँच विकेट से हार का मुँह देखना पड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया और केन्या का अब तक चार बार आमना सामना हुआ है जिनमें सभी मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने ही जीत हासिल की है। भारतीय उपमहाद्वीप में दोनों टीमों का एक बार मुकाबला हुआ है जबकि विश्वकप में दोनों टीमें दो बार भिड़ी हैं।
रविवार के मैच में भी कोई उलटफेर होने की संभावना न के बराबर ही दिखाई दे रही है यानी केन्या के खाते में यदि पाँचवीं हार भी शामिल हो जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। विश्वकप में न तो केन्याई टीम के गेंदबाजों में कोई दम दिखा है और कोलिंस ओबुया छोड़कर न ही बल्लेबाज कुछ खास कर पाए हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप की धीमी पिचों पर भी ब्रेट ली, शॉन टेट और मिशेल जॉनसन की पेस बैटरी ने गजब का प्रदर्शन किया है। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के लिए केन्या के कमजोर बल्लेबाजी क्रम की धज्जियाँ उड़ाना मुश्किल नहीं होगा। ऑस्ट्रेलिया के पास हालाँकि मजबूत गेंदबाजी है लेकिन शेन वॉटसन को छोड़कर बल्लेबाज उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। इस मैच में बल्लेबाजों के पास भी अपने हाथ खोलने का मौका होगा। (वार्ता)