मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने टीम के कोच गैरी कर्स्टन को भारत के 28 सालों बाद विश्वकप हासिल करने का श्रेय दिया है।
सचिन ने आज एक टीवी चैनल को टीम के कोच की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय टीम के कोच के तौर पर कर्स्टन का यह आखिरी टूर्नामेंट था और उनके प्रशिक्षण के बगैर ये जीत संभव नहीं थी। वर्ष 2007 में कोच ग्रेग चैपल के बाद दक्षिण अप्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज कर्स्टन ने टीम की कोच के तौर पर कमान संभाली थी।
सचिन ने कहा कि मेरे दो दशक से लंबे इस करयिर में ये पहली बार है जब मैं अपनी भावनाओं को शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूँ। मैं चाहता हूँ कि कर्स्टन टीम के कोच के तौर पर अपने कार्यकाल को आगे भी जारी रखें लेकिन उनकी परिवार के प्रति भी जिम्मेदारियाँ हैं और उनके इस निर्णय का मैं सम्मान करता हूँ।
सचिन ने कहा कि कर्स्टन और बाकी की कोचिंग टीम को विश्वकप में टीम इंडिया की जीत का पूरा श्रेय जाता है जिन्होंने इस जीत के लिए काफी पहले से ही तैयारियाँ कीं और टीम का हर सदस्य उनके इस योगदान को हमेशा याद करेगा।
मास्टर ब्लास्टर ने विश्वकप में जीत हासिल करने के बाद कहा कि ये मेरे करियर की सबसे बड़ी जीत है जिसका मुझे कई सालों से इंतजार था। सचिन ने कहा मैं हमेशा विश्वकप की ट्राफी को अपने हाथों में थामने का सपना देखता था जो इतने लंबे समय के बाद जाकर सच हुआ है और यह खुशी मेरी आँखों से आँसू के रूप में बाहर आ गई।
उन्होंने कहा कि विश्वकप की ट्राफी सिर्फ ग्यारह खिलाड़ियों और कोचिंग टीम की नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है। ज्ञातव्य है कि दो अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को छह विकेट से हराकर भारत ने विश्वकप में जीत दर्ज की थी। (वार्ता)