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डीआरएस से सचिन को मिला फायदा

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मुंबई , बुधवार, 30 मार्च 2011 (20:49 IST)
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जाँच के तहत कलईग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड को 200 करोड़ रुपए की राशि स्थानांतरित करने के मामले में गिरफ्तार हुए आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल से हिरासत में पूछताछ करने की दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सीबीआई को अनुमति दे दी।

विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने सीबीआई की अर्जी स्वीकार करते हुए कहा कि दोनों आरोपियों पर लगे आरोपों के अनुसार उन्होंने कलईग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 200 करोड़ रुपए की राशि स्थानांतरित करने में भूमिका निभाई थी।

तमिलनाड़ु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की पुत्री तथा द्रमुक सांसद कनिमोझी, मुख्यमंत्री की पत्नी दयालुअम्मा और कलईग्नार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार के पास कंपनी में क्रमश: 20, 60 और 20 फीसदी की हिस्सेदारी है।

शाहिद उस्मान बलवा की कंपनी डीबी रियल्टी की एक सहायक कंपनी ने कलईग्नार टीवी में वर्ष 2008 से 2010 के दौरान 206 करोड़ रुपए का कथित तौर पर निवेश किया। शाहिद बलवा को सीबीआई पहले ही इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।

इस मामले में गिरफ्तार हुए अन्य आरोपियों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, उनके निजी सचिव आरके चंदोलिया और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा शामिल हैं।

डीबी रियल्टी की सहायक कंपनी कुसेगाँव फ्रूट्‍स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड में अग्रवाल की 50 फीसदी हिस्सेदारी है। इस कंपनी से सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और फिर कलईग्नार टीवी को धनराशि स्थानांतरित की गई।

अदालत ने कहा कि इस मामले की प्रकृति और सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खातों के जरिए मेसर्स कलईग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड के खातों में 200 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित करने तथा 19 दिसंबर 2008 के समझौते को पेश नहीं करने के आरोपियों के खिलाफ लगे आरोपों को ध्यान में रखते हुए हम पुलिस हिरासत देने की अर्जी को पूरी तरह जायज पाते हैं।

अदालत ने कहा कि इसके अनुरूप, दोनों आरोपियों को एक अप्रैल तक की पुलिस हिरासत में भेजा जाता है। अग्रवाल और आसिफ कुसेगाँव फ्रूट्‍स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे। आसिफ डायनामिक्स रियल्टी की भागीदार कंपनी डीबी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक भी था। आसिफ के भाई शाहिद को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में कथित संलिप्तता के लिये न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

सीबीआई ने आसिफ और अग्रवाल से हिरासत में पूछताछ की अनुमति देने की माँग की थी। सीबीआई ने कहा कि वे दोनों कलईग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में 200 करोड़ रुपए स्थानांतरित करने के लिए हुए आपराधिक षड्यंत्रों से जुड़ी परिस्थितियों और सही तथ्यों का खुलासा नहीं कर रहे हैं।

सीबीआई ने कहा कि डायनामिक्स रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड ने दिसंबर 2008 से अगस्त 2009 के बीच कुसेगाँव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड तथा सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खातों के जरिए कलईग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड के खातों में 200 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की थी। सीबीआई के अभियोजक अखिलेश ने अदालत से कहा कि सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और कलईग्नार टीवी प्राइवेट लिमिटेड के बीच 19 दिसंबर 2008 को कथित तौर पर करार हुआ था जिसे दोनों आरोपियों ने अब तक उपलब्ध नहीं कराया है।

उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी कलईग्नार टीवी को 200 करोड़ रुपए की राशि स्थानांतरित करने के बारे में जवाब देने में टालमटोल कर रहे हैं। सीबीआई ने दलील दी कि यह मामला आपराधिक षड्यंत्र का है और लोगों के नाम एक के बाद एक सामने आ रहे हैं।

आसिफ और अग्रवाल की ओर से हाजिर वकील विजय अग्रवाल ने दलील दी कि सीबीआई सिर्फ उनके मुवक्किलों को निशाना बना रही है और जाँच एजेंसी ने इस मामले में किसी अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाता से संपर्क नहीं किया है।

अग्रवाल ने कहा कि जिस धनराशि के लेनदेन के आधार पर सीबीआई ने उनके मुवक्किलों को गिरफ्तार किया, वह 2-जी लाइसेंस दिए जाने के एक वर्ष बाद हुआ था। उन्होंने सीबीआई की जाँच पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसी सिर्फ उन लोगों को गिरफ्तार कर रही है, जिन्होंने कथित तौर पर धन दिया। जाँच एजेंसी ने उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जिन्होंने धन हासिल किया है।

अग्रवाल ने आसिफ के हवाले से आरोप लगाया कि मुझे सिर्फ इस आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए कि मैं रिश्ते में शाहिद का भाई हूँ और डीबी रियल्टी का निदेशक हूँ। सीबीआई सिर्फ मेरे पीछे है और वह अन्य दूरसंचार परिचालनकर्ताओं की भूमिका पर गौर नहीं कर रही है। (भाषा)

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