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धोनी को आलोचना की परवाह नहीं

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हमें फॉलो करें पीयूष चावला
नागपुर , शुक्रवार, 11 मार्च 2011 (22:05 IST)
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खराब दौर से जूझ रहे पीयूष चावला को विश्वकप में अंतिम एकादश में मौका देने के लिए आलोचना झेल रहे भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने कहा कि जब तक वह ‘ईमानदार ’ फैसले ले रहे हैं, वह आलोचना की परवाह नहीं करते।

कई पूर्व खिलाड़ियों ने लेग स्पिनर चावला को मौका देने के फैसले की निंदा करते हुए उसे हटाकर ऑफ स्पिनर आर. अश्विन को लेने का सुझाव दिया था।

धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लीग मैच से पहले कहा, ‘मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि दूसरे लोग क्या कह रहे हैं। जब मैं कोई टीम चुनता हूँ तो पूरी ईमानदारी से फैसला लेता हूँ।’ उन्होंने चावला का बचाव करते हुए कहा कि उसे अश्विन से अधिक यह मैच खेलने की जरूरत थी।

उन्होंने कहा,‘ पीयूष को अश्विन से अधिक वह मैच खेलने की जरूरत थी।’ धोनी ने यह भी कहा कि टीम संयोजन में वह प्रयोग करने की बजाय रक्षात्मक रणनीति अपनाने के पक्षधर हैं।

यह पूछने पर कि क्या वह युवराजसिंह को दूसरे विशेषज्ञ स्पिनर के आजमाने की सोच रहे हैं, धोनी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह एक विकल्प है। युवराज ने अच्छा प्रदर्शन किया है पर ऐसा करने से उस पर अधिक दबाव पड़ेगा। यदि उसका दिन खराब है तो हमारे पास इस काम को अंजाम देने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं है। हमारे पास रैना नहीं है और सहवाग गेंदबाजी नहीं कर रहा है।’ धोनी ने कल टीम संयोजन के बारे में खुलासा करने से इनकार कर दिया।

धोनी ने साथ ही कहा कि वह हरभजनसिंह के विकेट हासिल नहीं कर पाने से भी चिंतित नहीं है क्योंकि यह ऑफ स्पिनर रनों का प्रवाह रोकने में सफल रहा है। हरभजन को अपना काम पता है। वह एक दशक से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। अगर आप गेंदबाज से हर बार तीन से चार विकेट की उम्मीद करते हो तो यह आसान नहीं होता। वह विरोधी बल्लेबाजों को रोकने में सफल रहा है जिससे दूसरे छोर से गेंदबाज को आक्रमण करने का मौका मिलता है।

उन्होंने कहा, ‘भारत में अधिकतर तभी किसी प्रदर्शन को अच्छा समझा जाता है जब आप पाँच विकेट चटकाओ या शतक बनाओ। लेकिन अगर दो गेंदबाज 20 ओवर में 70 रन देते हैं और उन्हें विकेट नहीं भी मिलता है तो भी मैं खुश हूँ।’ भारतीय कप्तान ने कहा कि वे सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग के अच्छी शुरुआत को नियमित तौर पर बड़े स्कोर में नहीं बदल पाने को लेकर भी चिंतित नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘सचिन और वीरू ऐसे खिलाड़ी हैं जो अगर क्रीज पर काफी देर टिक जाए तो वे गेंदबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं।’ श्रीलंका के खिलाफ यहाँ खेले गए पिछले एकदिवसीय मैच में शतक जड़ने वाले धोनी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खुद बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने के बारे में नहीं सोच रहे।

उन्होंने कहा, ‘अगर आप क्रमश: नंबर तीन और चार पर बल्लेबाजी कर रहे गौतम और विराट हो देखें तो वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’ धोनी इस बात से भी खुश हैं कि भारत अपने अंतिम दो मैच दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रहा है क्योंकि इससे क्वार्टर फाइनल में टीम को मदद मिलेगी।

धोनी ने हालांकि अपना सर्वश्रेष्ठ जवाब एक पत्रकार के लिए बचाकर रखा था जिसने पूछा कि आपने हँसना क्यों बंद कर दिया है। इस पर धोनी ने कहा, ‘आप लोग सवाल पूछना बंद कर दो, मैं हँसना शुरू कर दूँगा।’ (भाषा)

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