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मोहाली के मास्टर हैं सचिन

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मोहाली , शनिवार, 26 मार्च 2011 (15:10 IST)
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर मोहाली के भी मास्टर हैं जहाँ भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को विश्वकप का दूसरा सेमीफाइनल खेला जाएगा।

सचिन का इस मैदान में बल्ला जमकर रन बरसाता है। यहाँ उन्होंने छह मैचों में सर्वाधिक 281 रन बनाए हैं। वनडे में विश्वरिकॉर्ड 48 शतक बना चुके सचिन हालाँकि मोहाली में एक शतक भी नहीं बना पाए हैं और उनका यहाँ सर्वाधिक स्कोर 99 है।

लेकिन मास्टर ब्लास्टर चाहेंगे कि इस बार इस स्कोर में एक रन का और इजाफा करें और शतकों का महाशतक पूरा कर भारत को खिताबी मुकाबले में पहुँचा दें। सचिन मौजूदा टूर्नामेंट में सात मैचों में 379 रन बनाकर सबसे आगे चल रहे हैं।

टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर वीरेन्द्र सहवाग टूर्नामेंट में उद्घाटन मैच में 175 रन की शानदार पारी खेलने के बाद सिर्फ एक अच्छी पारी खेल पाए हैं और उनसे टीम को खासी उम्मीद है कि मोहाली में निर्णायक मौके पर उनका बल्ला गरजेगा। सहवाग के खाते में इस मैदान में पाँच मैचों में 159 रन हैं।

विश्वकप में अपनी लय के लिए संघर्ष कर रहे आफ स्पिनर हरभजन सिंह को अपने भाग्यशाली मैदान मोहाली में फॉर्म हासिल करने का मौका मिल सकता है। वह इस मैदान में पाँच मैचों में सर्वाधिक नौ विकेट हासिल कर चुके हैं।

भारत ने मोहाली में नौ मैचों में पाँच मैच जीते हैं और उसकी आखिरी जीत श्रीलंका के खिलाफ अक्टूबर 2005 में थी1 पाकिस्तान ने भी इस मैदान में छह मैच खेले हैं जिसमें से उसने दो जीते हैं। दिलचस्प बात है कि पाकिस्तान विश्वकप में भारत से कभी नहीं जीत पाया है लेकिन मोहाली में उसने अपनी दोनों जीतें भारत के खिलाफ ही हासिल की हैं।

पाकिस्तान ने भारत को एक अप्रैल 1999 को सात विकेट से हराया था और फिर नवंबर 2007 में चार विकेट से जीत दर्ज की थी। पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी ने मोहाली में छह मैचों में 140 रन और यूनुस खान ने तीन मैचों में 126 रन बनाए हैं।

पाकिस्तान के तेज गेंदबाज उमर गुल इस मैदान पर तीन मैचों में सात विकेट और ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक चार मैचों में चार विकेट हासिल किए हैं।

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक 119 मैच खेले हैं जिनमें से उसने 46 जीते हैं, 69 हारे हैं और चार में कोई परिणाम नहीं निकला है। ओवरऑल मुकाबलों में बेशक पाकिस्तान का पलड़ा भारी है लेकिन विश्वकप का इतिहास गवाह है कि भारत ने इस मेगा टूर्नामेंट में हमेशा अपने चिरप्रतिद्वंद्वी को शिकस्त दी है। (वार्ता)

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