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रोमांच को जिंदा रखने में अंग्रेज अव्वल

- सीमान्त सुवीर

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10वें विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट का सफर आधे से ज्यादा तय हो चुका है और आर्थिक दृष्टि से इसमें कितना नफा-नुकसान हुआ, इसका पता तो अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में जाकर चलेगा, लेकिन यदि हम अब तक के खेले गए लीग मुकाबलों के रोमांचक मैचों को याद करेंगे तो महसूस होगा कि वाकई कुछ मुकाबले ऐसे हुए जिन्होंने दिल की धड़कनों को कई गुना बढ़ा दिया और अंतिम ओवर में तय करना कठिन था कि कौनसी टीम जीतेगी?

शुरुआती मुकाबलों में 300 से ज्यादा रन बने, उम्मीद के एकदम विपरीत बेंगलुरु में भारत और इंग्लैंड का मैच 'टाई' हुआ, आयरलैंड जैसी नौसीखिया टीम ने भारत को जीत हासिल करने में पसीने ला दिए और सबसे बड़ी बात तो ये देखने को मिली कि इंग्लैंड ने अपने 6 में से 3 मैच ऐसे खेले जो दर्शकों का 'पैसा वसूल' करने वाले रहे।

क्रिकेट का जनक इंग्लैंड तीन दफा विश्वकप के फाइनल की दहलीज पर चढ़ चुका है लेकिन एक मर्तबा भी वह विश्वकप को जीतने का जश्न नहीं मना सका। दक्षिण अफ्रीका भले ही दुनिया भर में अपनी क्रिकेट काबिलियत का डंका बजा चुका है लेकिन उसकी चुनौती कभी सेमीफाइनल से आगे कायम नहीं रह सकी। यही हाल न्यूजीलैंड का भी रहा।

इस विश्वकप के कार्यक्रम के मुताबिक लीग के चरण में हर टीम को 6 मैच खेलने हैं और इसका समापन 20 मार्च को भारत और वेस्टइंडीज के मैच के साथ हो जाएगा। ग्रुप ए और ग्रुप बी की कई नामचीन टीमें 5-6 मैच खेल चुकीं और कुछ टीमों की क्वार्टर फाइनल की सीट भी बुक हो चुकी है लेकिन इस विश्वकप की सह-मेजबान भारत व बांग्लादेश घड़ी के पैंडुलम की तरह झूल रहे हैं।

जानकारों ने भारत को खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुमार किया था लेकिन 19 मार्च को दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश जब तक मैच नहीं खेल लेते तब तक यह तय नहीं होगा कि भारत क्वार्टर फाइनल खेल रहा है या नहीं। इस मैच के परिणाम के साथ-साथ भारत को 20 मार्च को वेस्टइंडीज के मैच का भी इंतजार रहेगा।

सीधा-सा समीकरण ये है कि यदि दक्षिण अफ्रीका बांग्लादेश को हरा देता है तो भारत क्वार्टर फाइनल में पहुँच जाएगा, यही नहीं वह क्वार्टर फाइनल के पूर्व इंडीज के खिलाफ निर्भिकता से मैदान में उतरेगा लेकिन यदि बांग्लादेश जीत जाता है तो ऐसी स्थिति में भारत को नाकआउट दौर में जाने के लिए हर हाल में इंडीज को पटखनी देनी ही होगी।

गुरुवार को चेन्नई में हार के कगार पर खड़े इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को 18 रनों से शिकस्त देकर ग्रुप बी को रोमांचक बना डाला है। इंग्लैंड के 6 मैचों में 7 और भारत के 5 मैचों में 7 अंक है। इंग्लैंड यदि यह मैच नहीं जीतता तो उसे सीधे लंदन की फ्लाइट पकड़नी पड़ती।

बहरहाल, इसमें कोई दो मत नहीं कि इंग्लैंड ने जिस तरह अपने रोमांचक मैच जीते हैं, उसने एक दिवसीय क्रिकेट की बिखरती हुई साख को फिर से बचाया है वरना टी20 के फटाफट क्रिकेट ने 50 ओवर के मैचों को ऊबाऊ कहे जाने के चाबुक बरसाने में कोई कंजूसी नहीं कर रहे थे। 27 फरवरी को भारत-इंग्लैंड का मैच बेंगलुरु में 338 रनों की बराबर रनसंख्या पर 'टाई' हुआ और इस मैच ने दिल के मरीजों का भी खासा इम्तिहान लिया। इंग्लैंड ने एक और रोमांचकारी खेल के बूते पर दक्षिण अफ्रीका को मात्र 6 रन से धराशायी कर दिया।

17 मार्च के दिन चेन्नई में जब दर्शक इंग्लैंड-वेस्टइंडीज के मैच का तमाशा देखने पहुँचे तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि इतना ज्यादा नाटकीय पल उनकी आँखों में कैद होंगे। भारतीय क्रिकेट दीवानों को दूसरी टीमों के मैच से इतना भर सरोकार होता है कि कौन जीता और उसकी जीत से भारत की सेहत पर क्या असर होगा, लेकिन जिस किसी ने भी ये मैच देखा होगा, उसे ये तो स्वीकार करना ही होगा कि वाकई क्रिकेट अनिश्चतता का खेल है और कोई भी भविष्यवाणी करने से बचना चाहिए।

इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के धमाकेदार आक्रमण के सामने शुरुआत में हथियार डाल दिए थे और 134 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद वह बुरी तरह हाँफ रहा था लेकिन मध्यक्रम ने गिरते पड़ते ल्यूक राइट के 44 रनों के सहारे स्कोर को 48.4 ओवर में 243 रनों तक ले जाने में कामयाबी हासिल की।

जीत के लिए 244 रनों का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की भी बुरी गत हुई और क्रिस गेल के 21 गेंदों में बनाए गए तूफानी 43 रन के बावजूद 150 के स्कोर के आते-आते वह 6 विकेट खो चुका था। गेंदबाज रसेल (49) के साथ दूसरे बल्लेबाजों ने चमत्कारी खेल दिखाया और मैच को एक तरफा बना डाला। एक समय ये भी आया जब स्कोर 6 विकेट पर 216 रन था और वेस्टइंडीज को जीत के लिए 66 गेंदों में 22 रन की दरकार थी। इंडीज ने 7वाँ विकेट 222 रनों के स्कोर पर खोया और यहीं पर खेल का रोमांच चरम पर पहुँच गया।

देखते ही देखते 3 रनों के भीतर 3 बल्लेबाज आउट हो गए और वेस्टइंडीज की टीम 225 रनों पर सिमट गई। ट्रेडवेल और स्वान ने गजब की गेंदबाजी का मुजाहिरा करके मैच 44.4 ओवर में ही खत्म करते हुए इंग्लैंड की झोली में 18 रनों से जीत डाल दी। इसे कहते हैं जबड़े में से जीत खींच लेना। चेपॉक पर जो नजारा दिखाई दे रहा था, वो कई कम दिलचस्प नहीं था। वेस्टइंडीज ने भले ही इंग्लैंड को राहत की साँस के साथ चैन की नींद का अच्छा 'डोज' दिया होगा, लेकिन इसके साथ ही साथ उसने धोनी एंड कंपनी को भी 'सावधान' की मुद्रा में ला दिया होगा।

भारत ने 12 मार्च को लीग का पाँचवाँ मैच खेला था और अब वह 8 दिन के भरपूर आराम के बाद इसी वेस्टइंडीज के सामने होगा, जो इंग्लैंड को चौंका चुका है। ये भी पता चला है कि पाँच मैचों के प्रदर्शन के बाद कप्तान धोनी की पेशी भारतीय क्रिकेट प्रशासकों के अलावा चयन समिति के नुमांइदों के सामने हुई, जिसमें नेहरा और पीयूष चावला के प्रेम, अश्विन को दर्शक बनाना और हरभजन से अफ्रीका के खिलाफ आखिरी ओवर न फिंकवाना जैसे सवालों के बाउंसर दागे गए।

धोनी की सफाई तो मीडिया तक नहीं आई लेकिन इन बाउंसरों ने माही को निरुत्तर जरूर कर दिया होगा। मीटिंग की बातें जब मीडिया तक पहुँची तो बोर्ड को सफाई देनी पड़ी कि धोनी और चयनकर्ताओं के बीच कोई गर्मागरम बातें नहीं हुई। इसका मतलब ये निकाला जाए कि बैठक को धोनी की पीठ थपथपाने के आयोजित किया गया था?

हकीकत तो ये है कि इस मीटिंग में भारत के निहायत दोयम दर्जे के प्रदर्शन पर भी लंबी चौड़ी बहस हुई। खराब फॉर्म में चल रहे सितारों की भी लू उतारी गई। अब इन मोटी चमड़ी वालों पर इसका क्या असर हुआ होगा, उसका पता तो आने वाले मैचों के जरिये ही लगेगा।

फिलहाल हिंन्दुस्तान में होली की मस्ती का माहौल बन चुका है। होली जलने से पहले ही तय हो जाएगा क‍ि भारत के लिए 20 तारीख का मैच 'करो या मरो' का होगा या फिर पहले के मैचों की तरह इक्का-दुक्का खिलाड़ी पूरी टीम के स्कोर को सवाँरने में जुटा होगा और एक-दो गेंदबाज पूरे 11 खिलाड़ियों के लिए चेन्नई के गर्मी भरे माहौल में पसीने से लथपथ होकर जीत की जद्दोजहद कर रहे होंगे। पैसा आने पर आदमी का दिमाग फिर जाता है, ये तो सुना था, खेल भी बरबाद हो जाता है, ये पहली दफा देख रहे हैं।

यकीन करिये कि टीम इंडिया के आज के हालात को देखते हुए एक आवाज दिल से निकलने पर मजबूर होती है। जिंदगी में कभी कभी वक्त ऐसा भी आता है, जब सिर्फ और सिर्फ ऊपरवाले का ही सहारा होता है, कुछ तरकीब काम नहीं आती। जब गम के सागर में दिल का सफीना डूबने लगता है तो मदद के लिए पुकार उस दोनों जहाँ के मालिक से ही की जाती है। वैसे होता है दुआओं का असर। दिल से निकली 'आह' भी 'राह' पा जाती है। दुआ करिये कि दक्षिण अफ्रीका बांग्लादेश को हराकर धोनी के माथे पर पड़ी सिलवटों को दूर कर दे...

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