स्टार ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का कहना है कि अब जब भारत 28 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद विश्व चैंपियन बन गया है तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती इस रुतबे को लंबे समय तक बनाए रखने की होगी।
हरभजन ने सीमा सुरक्षा बल के पंजाब फ्रंटियर्स मुख्यालय पर आज अपने सम्मान में आयोजित समारोह के दौरान पत्रकारों से कहा कि इस विश्वकप में टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों की शानदार प्रतिभा की अनुपम मिसाल सामने आयी है लेकिन अब टीम को अपने मौजूदा विश्व विजेता के दर्जे को लंबे समय तक बनाए रखना होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वकप में मुकाबला कतई आसान नहीं था। विशेष रूप से तब, जब मजबूत दावेदार ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका जैसी टीमें सामने हों।
उन्होंने कहा कि विश्वकप की जीत में टीम के सभी खिलाड़ियों का सराहनीय योगदान रहा1 हरभजन ने कहा यह मौका विश्वकप जीत का जश्न मनाने का है। हमने पूरी बहादुरी के साथ कड़े संघर्ष के बाद 28 साल बाद इसे जीता है। अपनी कसी गेंदबाजी के बावजूद विकेट नहीं ले पाने के कारण खेल आलोचकों के घरे में आए हरभजन ने कहा कि उनका मकसद तो विरोधी टीम को रन बनाने से रोकने का होता है। कसी गेंदों का उद्देश्य यही होता है कि बल्लेबाज गलती करे और अपना विकेट गँवाए।
हरभजन के अनुसार विरोधी टीम पर दबाव डालने के लिए कई बार ऐसी गेंद फेंकनी पड़ती है कि बल्लेबाज उसे खेलने के प्रयास में या तो बोल्ड हो जाए या फिर कैच थमा दे।
उन्होंने कहा विश्वकप की जीत टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों के साझा प्रयास की जीत है। यह एक टीम गेम है जिसमें टीम की तरह खेल कर ही सफलता हासिल की जा सकती है जिस एकाग्रता और अटल इरादे से भारत ने विश्वकप में प्रदर्शन किया उससे उसका लोहा पूरी दुनिया ने मान लिया है। (वार्ता)