सचिन तेंडुलकर के लिए विश्वकप जीतने का वादा करने वाली टीम इंडिया ने जब श्रीलंका को फाइनल में हराकर इसे पूरा किया तो खिलाड़ी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और इस चैम्पियन बल्लेबाज को कंधे पर बिठाकर टीम इंडिया ने वानखेड़े स्टेडियम का चक्कर लगाया।
कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने छक्का लगाकर ज्यों ही टीम को जीत दिलाई, दूसरे छोर पर उनके साथ खड़े युवराजसिंह दौड़कर उनके गले मिले और फफक पड़े।
ड्रेसिंग रूम में बैठे तमाम भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान पर दौड़कर युवराज और धोनी को गले लगा लिया। हरभजनसिंह हो या सचिन तेंडुलकर या फिर पहला विश्व कप खेल रहे विराट कोहली, सभी की आँखों में खुशी के आँसू थे।
युसूफ पठान, सुरेश रैना और विराट कोहली ने मिलकर सचिन को कंधे पर उठा लिया और पूरी टीम ने ‘सचिन-सचिन’ चिल्लाते हुए वानखेड़े स्टेडियम का चक्कर लगाया।
विराट ने कहा कि इस चैम्पियन खिलाड़ी ने 21 साल तक देश की उम्मीदों का बोझ उठाया है और आज हमारी बारी थी उन्हें कंधे पर उठाकर सम्मान देने की।
फाइनल में 97 रन की मैच जिताऊ पारी खेलने वाले गौतम गंभीर ने कहा कि हम सभी की आँखों में खुशी के आँसू हैं। हमने 2007 विश्वकप में खराब खेला था लेकिन आज जीतने का सपना सच हो गया। (भाषा)