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इंग्लैंड के खिलाफ श्रीलंका का पलड़ा भारी

हमें फॉलो करें इंग्लैंड के खिलाफ श्रीलंका का पलड़ा भारी
कोलंबो , शनिवार, 26 मार्च 2011 (08:58 IST)
सहमेजबान श्रीलंकाई टीम जब शनिवार को यहाँ विश्वकप के आखिरी क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उतरेगी तो उसका लक्ष्य प्रदर्शन में निरंतरता की कमी और खिलाड़ियों की चोटों से जूझ रही इंग्लिश टीम की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए उसे टूर्नामेंट में बाहर का रास्ता दिखाकर सेमीफाइनल में अपनी सीट पक्की करना होग

विश्वकप के अब तक के मैचों में इंग्लैंड का सफर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इंग्लैंड ने ग्रुप चरण में तीन मैचों में जीत दर्ज की जबकि दो में उसे उलटफेर का शिकार होना पड़ा और एक मैच टाई रहा जिसके कारण उसे अपने ग्रुप में तीसरे नंबर की टीम के रूप में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिला।

वहीं खिताब की दावेदार मानी जा रही श्रीलंकाई टीम का प्रदर्शन अभी तक उम्मीद के मुताबिक रहा है। उसने चार मैच जीते हैं और केवल एक मैच में उसे पाकिस्तान के हाथों हार झेलनी पड़ी जबकि एक मैच बारिश की भेंट चढ़ गया।

श्रीलंका ने ग्रुप ए में दूसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया और अब वह प्रतिद्वंद्वी टीम की कमजोरियों का फायदा उठाकर अपने दमदार प्रदर्शन और घरेलू दर्शकों के अपार समर्थन के दम पर सेमीफाइनल में जगह बनाने की पूरी कोशिश करेगी।

इंग्लैंड की सबसे बड़ी चिंता उसके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। उसने हॉलैंड को हराकर ग्रुप चरण में जीत के साथ आगाज किया था और इसके बाद सहमेजबान भारत के साथ टाई खेला। लेकिन अगले ही मैच में उसे आयरलैंड के हाथों एक बड़े उलटफेर का शिकार होना पड़ा।

इंग्लैंड ने इसके बाद चौथे मैच में वापसी करते हुए दक्षिण अफ्रीका को कड़े मुकाबले में छह रन से मात दी लेकिन एक बार फिर अगले मैच में बांग्लादेश के हाथों अप्रत्याशित हार झेलकर उसे उलटफेर का शिकार होना पड़ा और आखिरी मैच में उसने वेस्टइंडीज को हराकर जैसे तैसे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।

अपने प्रदर्शन में निरंतरता की कमी से जूझ रही इंग्लिश टीम के खिलाड़ियों की चोटों ने उसे और मुश्किल में डाल दिया है। कप्तान एंड्रयू स्ट्रास अभी ओपनर केविन पीटरसन और तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड तथा अजमल शहजाद के विश्वकप से बाहर हो जाने की चिंता से अभी उबर भी नहीं पाए थे कि ऑलराउंडर माइकल यार्डी की घर वापसी ने उन्हें और परेशानी में डाल दिया है।

यार्डी अवसाद से ग्रसित होने के कारण हाल में घर वापस लौट गए हैं और उनकी जगह टीम में लेग स्पिनर आदिल रशीद को शामिल किया गया है।

हालाँकि ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान गेंद से और एंड्रयू स्ट्रास तथा जोनाथन ट्राट बल्ले से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन ब्रॉड के चले जाने से जहाँ इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर हो गया है वहीं पीटरसन की घर वापसी से टीम की ओपनिंग भी कप्तान की चिंता का विषय बनी हुई है। पीटरसन की जगह मैट प्रायर को ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन वह ओपनर के रूप में अभी तक कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं।

ऐसे में आत्मविश्वास से लबरेज श्रीलंकाई टीम अब तक एक भी बार विश्वकप अपने नाम करने में नाकाम रही इंग्लैंड की टीम की इन परेशानियों का फायदा उठाकर उसे इस बार भी खाली हाथ वापस लौटाने को बेताब होगा।

पाकिस्तान से मिली हार को छोड़ दिया जाए तो श्रीलंकाई टीम ने ग्रुप चरण में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उसने कनाडा, केन्या, जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड को धूल चटाई जबकि ऑस्ट्रेलिया से साथ उसका मैच वर्षा के कारण रद्द हो गया।

कुमार संगकारा ने जहाँ कप्तान के रूप में अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई है वहीं उन्होंने बल्ले से भी कमाल का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा टीम में लसिथ मलिंगा, मुथैया मुरलीधरन और अजंता मेंडिस जैसे घातक गेंदबाज हैं जो दुनिया की किसी भी टीम के बल्लेबाजी क्रम का खात्मा करने का माद्दा रखते हैं।

मुरलीधरन हालाँकि न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम के आखिरी ग्रुप मैच में हैमस्ट्रिंग की चोट का शिकार हो गए थे लेकिन उनके शनिवार के मैच के लिए फिट होने की उम्मीद है जिससे इंग्लैंड को जरूर निराशा हुई होगी। (वार्ता)

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